बर्लिन । कोरोना वायरस से लड़ाई और आसान होने वाली है। वैज्ञानिकों ने भेड़ की नस्ल लामा और अल्पैका में एक नई एंटीबॉडीज की पहचान की है, जिसे कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। जर्मनी में बॉन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने अध्ययन के दौरान ‘नैनोबॉडीज’ की पहचान की है जो एंटीबॉडीज से आकार में छोटी हैं। ये उत्तकों (Cells) के साथ बेहतर तालमेल कर सकती हैं और इससे बड़ी मात्रा में एंटीबॉडीज भी पैदा की जा सकती है।
अध्ययन करने वाले दल ने पाया कि नैनोबॉडीज एक साथ विभिन्न हिस्से में वायरस पर हमला करने में सक्षम हैं। संक्रमण से रक्षा के लिए जीवों के शरीर में एंटीबॉडीज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये जीवाणु या विषाणु (Bacteria or Virus) के प्रसार को रोकने का काम करते हैं। बॉन विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इन्नेट इम्युनिटी’ के शोधकर्ता फ्लोरियन स्कमिड्ट ने बताया, ‘‘हमने लामा और अल्पैका में कोरोना वायरस के प्रोटीन का इस्तेमाल कर इसके नतीजों पर गौर किया। प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity System) ने वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज तैयार की।’’
बॉन विश्वविद्यालय से जुड़े और अध्ययन के लेखक पॉल अल्बर्ट कोनिग ने कहा, ‘‘परीक्षण में कई नैनोबॉडीज का पता चला जिसपर हमने आगे विश्लेषण किया। कोशिका की संरचना में वायरस के खिलाफ चार मॉलिक्यूल कारगर होते हैं। एक्स-रे और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी जांच में आगे हमने देखा कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन के प्रति किस तरह का ये व्यवहार करते हैं।’’
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