नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Central Govt Employees) की पेंशन को लेकर मोदी सरकार ने नियमों को आसान और सुविधाजनक कर दिया है। कोरोना महामारी (corona pandemic) के बीच मुश्किल हालातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने रिटायर्ड लोगों को अपनी पेंशन के लिए भटकना न पड़े, इसलिए नियमों में कई बदलाव लागू किए हैं।
फैमिली पेंशन तुरंत जारी होगी
किसी केंद्रीय कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के लोगों को तुरंत पेंशन जारी करने के आदेश दिए गए हैं, जबकि पहले परिवार वालों को कई दिनों तक कागजी कार्यवाही के चक्कर में उलझे रहना पड़ता था। लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने फैमिली पेंशन (family pension) को लेकर नियमों को बेहद आसान कर दिया है। अब अगर फैमिली पेंशन का क्लेम आता है तो सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट देखकर ही परिवार को पेंशन तत्काल जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए कागजी कार्यवाही का इंतजार नहीं किया जाएगा। मंत्री ने साफ किया कि कर्मचारी की मौत कोविड की वजह से हुई हो या नॉन कोविड (non covid) की वजह से, दोनों ही हालातों में इस नए नियम का पालन होगा।
प्रॉविजनल फैमिली पेंशन के नियम आसान
इसके अलावा Provisional Family Pension के नियमों को भी आसान किया गया है। आपको बता दें कि CCS (Pension) Rule 1972 के Rule 80 (A) के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी की सर्विस के दौरान मौत हो जाती है तो Provisional Family Pension जारी की जाती है, ये काम Pay and Accounts Office में दस्तावेज पहुंचने के बाद होता है। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए ये आदेश जारी किया गया है कि फैमिली पेंशन का मामला Pay and Accounts Office को फारवर्ड किए बिना ही पेंशन शुरू कर दी जाए। इससे परिवार के पात्र सदस्य को प्रॉविजनल पेंशन की तत्काल मंजूरी मिल जाएगी।
इसलिए आसान किए पेंशन के नियम
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बीते दिनों ऐलान किया था कि रिटायरमेंट डेट से 1 साल के लिए इस पेंशन का इंतजाम किया गया है। उनके मुताबिक महामारी के दौरान कर्मचारियों को नियमित पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) जारी होने और पेपर वर्क पूरा होने तक प्रोविजनल पेंशन (provisional pension) दी जाएगी। यही व्यवस्था फैमिली पेंशन वालों के लिए भी लागू होगी। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि महामारी की वजह से संभव है कि कर्मचारियों को दफ्तर में पेंशन फार्म जमा करने में दिक्कत हो। ऐसा भी हो सकता है कि सर्विस बुक के साथ Claim फार्म पे एंड अकाएंट दफ्तर में जमा कर पाने की हालत में ही न हों, अगर दोनों दफ्तर अगर अलग-अलग शहरों में हैं, तो यह दिक्कत और बढ़ जाती है ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved