नई दिल्ली (New Delhi) । 1 जनवरी से सिम कार्ड (SIM Card) के पुराने रूल्स (Rules) बदल रहे हैं। अगर आप भी फोन का इस्तेमाल करते हैं तो इन नए नियमों के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। भारतीय मोबाइल यूजर्स (Indian mobile users) बिना कागजी फॉर्म भरे नए सिम कार्ड प्राप्त कर सकेंगे। दूरसंचार विभाग (DoT) की हालिया अधिसूचना के अनुसार, कागज-आधारित नो-योर-कस्टमर (KYC) प्रक्रिया को 1 जनवरी, 2024 से समाप्त कर दिया जाएगा।
1 जनवरी से सिम कार्ड खरीदने के लिए आपको सिर्फ डिजिटल KYC करनी होगी। इससे पहले डॉक्यूमेंट्स का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता था। नई प्रणाली के आने से सिम कार्ड ईशू प्रोसेस काफी फास्ट हो जाएगा और लोगों के लिए काफी आसानी भी हो जाएगी।
मौजूदा केवाईसी ढांचे में समय-समय पर किए गए विभिन्न चेंज को ध्यान में रखते हुए, सक्षम प्राधिकारी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 09.08.2012 के निर्देशों में कागज-आधारित केवाईसी प्रक्रिया का उपयोग प्रभावी रूप से बंद कर दिया जाएगा। इस कदम से सिम धोखाधड़ी के मामलों पर कंट्रोल होने की उम्मीद है। इससे दूरसंचार कंपनियों की ग्राहक अधिग्रहण लागत में भी कटौती होने की संभावना है।
कागज-आधारित ग्राहक वेरिफिकेशन सिस्टम की प्रक्रिया में ग्राहकों को अधिग्रहण फॉर्म भरना, एक तस्वीर चिपकाना और फॉर्म के साथ पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण को जोड़ना पड़ता है। सिम रिप्लेसमेंट के मामले में, केवाईसी प्रक्रिया को इनकमिंग और आउटगोइंग एसएमएस सुविधाओं के 24 घंटे के भीतर पूरा करना होगा।
SIM Card से जुड़े अन्य रूल्स
इससे पहले, DoT ने घोषणा की थी कि टेलीकॉम कंपनियों के लिए प्रत्येक सिम यूजर्स का डिजिटल वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होगा। पुलिस वेरिफिकेशन के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर जिम्मेदार होंगे। बदलावों का पालन न करने पर डीलर को 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इसके अलावा, DoT एक पहचान पर 9 से अधिक सिम कार्ड रखने वालों के मोबाइल कनेक्शन को निष्क्रिय कर रहा है। एक मोबाइल यूजर के पास अधिकतम नौ कनेक्शन ही हो सकते हैं। धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है।
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