भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की तीर्थयात्रा योजना का विस्तार करने और इसमें राज्य के धार्मिक स्थलों को शामिल करने का निर्देश दिया है. साल 2012 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरूआत की थी. इसके तहत प्रदेश के लोग देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं. पिछले 12 सालों में मध्य प्रदेश के करीब 8 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित हुए हैं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को एक अधिकारिक बैठक के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश की भौगोलिक संरचना के कारण लोग कई तीर्थ स्थलों को नहीं देख पाते हैं और अपने ही राज्य की विशेषताओं से अनजान रहते हैं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए योजना का विस्तार किया जाना चाहिए. सीएम ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत राज्य के धार्मिक स्थलों को भी शामिल करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को आवश्यक अध्ययन कर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया.
सीएम यादव ने कहा योजना लागू होने से प्रदेश के बुजुर्ग यात्रियों को राज्य के प्रसिद्ध स्थानों पर जाने का मौका मिलेगा. साथ ही यह मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने अधिकारियों से मेधावी छात्रों को ऐतिहासिक महत्व के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों की यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार करने को भी कहा. सीएम ने अधिकारियों से आदिवासी बहुल क्षेत्रों के लोक कलाकारों को पर्यटन स्थलों पर जाने की अनुमति देने के लिए भी कहा ताकि वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें.
बता दें कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति यात्रा के पात्र हैं. महिलाओं के लिए दो साल की छूट है. अधिकारियों के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक उम्र की या विकलांग महिलाएं अपने साथ एक सहायक ले जाने के लिए पात्र हैं. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान भोजन, आवास के साथ-साथ चिकित्सा, सुरक्षा और सड़क परिवहन सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.
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