भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों (Government employees) के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. सरकार ने अब प्रमोशन की फाइलों को हरी झंडी दिखाना शुरू कर दिया है, पिछले 9 सालों से अटकी यह फाइलें अब आगे बढ़ने लगी हैं. जिससे जल्द ही खाली पड़े पदों को भरने की तैयारी शुरू होने वाली है और इसके लिए नए नियम भी बनाए जा रहे हैं. इस फैसले से प्रदेश के करीब 4 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों सीधे तौर पर फायदा मिलेगा, जिससे उनके लिए अब बड़ा फायदा होने वाला है, क्योंकि 9 साल बाद प्रमोशन फिर से मिलने वाले हैं.
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य के विभागों से सभी रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. सरकार की तरफ से विभागों को कहा गया है कि वे यह बताएं कि किस-किस पद पर प्रमोशन होना है और कितने पद खाली हैं. इसके बाद इन रिक्त पदों को भरने के लिए एक सुनियोजित प्लान तैयार किया जाएगा. क्योंकि अलग-अलग विभागों के हिसाब से प्रमोशन की प्रक्रिया को आगे चलाया जाएगा, जिसमें जहां जितने पद खाली हैं, वहां उस हिसाब से प्रमोशन मिलना शुरू हो जाएगा.
इसी बीच, यह बात भी सामने आई है कि जिन कर्मचारियों को 2014-15 के बाद नियुक्ति मिली और अब उनकी 8 साल की सेवा पूरी हो चुकी है, वे डबल प्रमोशन के पात्र माने जाएंगे. हालांकि, सरकार की योजना है कि डबल प्रमोशन एक साथ ना देकर, एक प्रमोशन इस साल और दूसरा अगले साल दिया जाए, ताकि विभागों में कामकाज प्रभावित न हो.
हालांकि, प्रमोशन को लेकर विवाद भी बना हुआ है. हाईकोर्ट ने 2016 में प्रमोशन में आरक्षण देने वाले नियम को रद्द कर दिया था, लेकिन इससे पहले 2002 से 2016 तक हजारों कर्मचारियों को इस नियम के तहत प्रमोशन मिल चुका है. अब कोर्ट के ताजा आदेश के बाद उन्हें डिमोशन का खतरा है. सरकार इस उलझन से बचने के लिए नए नियम तैयार कर रही है, जिससे किसी भी वर्ग के साथ अन्याय न हो. नियमों को ऐसा बनाया जाएगा कि हर जाति और वर्ग के कर्मचारी को समान अवसर मिल सके. सरकार चाहती है कि इस बार की प्रमोशन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और विवाद रहित हो.
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