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    अच्‍छी खबर, देश में कोरोना रिकवरी दर 63 फीसदी पर पहुंची

    July 21, 2020

    नयी दिल्ली। देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामले सोमवार की रात 11.52 लाख के पार पहुंच गये और मरीजों के स्वस्थ होने की दर करीब 63 फीसदी रही यानी अब तक 7.23 लाख से अधिक लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।

    देश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 62.77 फीसदी रही है जबकि मृत्यु दर महज 2.44 प्रतिशत रही। रविवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 62.51 फीसदी रही जबकि मृत्यु दर 2.46 फीसदी थी। शनिवार को संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 63.10 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर महज 2.50 फीसदी रही। शुक्रवार को मरीजों के स्वस्थ होने की दर 63.35 फीसदी रही थी जबकि मृत्यु दर महज 2.55 फीसदी रही। चिंता की बात यह है कि पिछले चार दिनों के दौरान मरीजों के स्वस्थ होने की दर में करीब 0.39 फीसदी की कमी आई है।

    देश में हालांकि तीन मई को कोरोना रिकवरी दर 26.59 प्रतिशत थी जो 31 मई को बढ़कर 47.40 प्रतिशत हो गई और इसमें लगातार इजाफा हो रहा है।‘कोविड19इंडियाडॉटओआरजी’ के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1152355 मामलों की आज रात तक पुष्टि हो चुकी थी जबकि सुबह यह संख्या 1118043 थी। जबकि मंगलवार सुबह तक यह संक्रमित संख्‍या बढ़कर 1154917 पर पहुंच गई थी। अब तक कुल 724702 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 28099 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। अन्य 401712 सक्रिय मामलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।

    इन आंकड़ो से यह स्पष्ट है कि सक्रिय मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या 3.25 लाख से अधिक हो चुकी है। इससे यह भी साफ है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के जितने मरीज आये हैं, उनमें से आधे से अधिक पूरी तरह बीमारी से निजात पा चुके हैं। समय पर कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों की जांच और उनके सही तरीके से इलाज की अहम भूमिका रही।

    इस बीच, कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फिर संपूर्ण लॉकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य सरकारें अपने स्तर से भी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन या पूर्णबंदी या फिर जनता कर्फ्यू लागू कर रही हैं।

    इसके अलावा देश में परीक्षण सुविधाओं में खासी बढ़ोतरी की गई है। आईसीएमआर द्वारा सुझाई गई परीक्षण रणनीति के तहत अब सभी पंजीकृत चिकित्सा विशेषज्ञ जांच की सिफारिश कर सकते हैं। राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा गोल्ड स्टैंडर्ड आरटी-पीसीआर आधारित व्यापक परीक्षण के साथ रैपिड एंटीजन प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) जांच के परिणाम स्वरूप नमूनों की जांच में खासी बढ़ोतरी हुई है।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमण की जांच गति तेज करने से संक्रमण के नये मामलों में तेजी आ रही है, जिससे संक्रमितों समय रहते उपचार संभव है। समय पर उपचार मिलने से कोरोना संक्रमण का प्रसार भी रुकता है और संक्रमित मरीज के स्वस्थ होने की संभावना भी बढ़ती है। पिछले 24 घंटे के दौरान देश भर के 1268 लैब में 256039 नमूनों की जांच की गयी। अब तक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए 14047908 स्वैब की जांच की जा चुकी है।

    गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर स्थित भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले गुरुवार की रात 10 लाख के पार पहुंच गये थे। गुरुवार की रात संक्रमितों का आंकड़ा 1001863 था जो शनिवार की रात को 1070417 पर पहुंच गया था और रविवार की रात इसने 11 लाख के आंकड़ें को भी पार कर लिया जो गंभीर चिंता का विषय है। कोरोना के मामलों में इस कदर की वृद्धि सामुदायिक प्रसार की आशंका की एकतरह से पुष्टि भी करते हैं।

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