उज्जैन। गोंदिया टे्रंचिंग ग्राउंड में आग से 5 करोड़ का नुकसान हुआ है और आग कैसे लगी इसे लेकर कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता। इस अग्रिकांड का असर स्वच्छता सर्वेक्षण पर पड़ेगा, क्योंकि दो दिन बाद केन्द्रीय दल इसका निरीक्षण करने आने वाला था। ऐसे में अग्रिकांड के टाईमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आग बुझाने के पर्याप्त साधन भी नहीं थे। बुधवार की शाम को गोंदिया ट्रेंचिंग के ग्राउंड में लगी आग में सब कुछ जल गया। वहां इक_े कचरे के अलावा निस्तारण प्लांट और पूरी मशीन भी जल गई। इस प्लांट को एक-दो दिन में स्वच्छता सर्वे की टीम देखने आने वाली थी। बताया जा रहा है कि आग लगने की घटना में 5 करोड़ का नुकसान हुआ है। परसों शाम गोंदिया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लग गई थी। आग इतनी भयावह थी कि 18 घंटे बाद उसे बुझाया जा सका।
गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड के 100 बीघा से अधिक के क्षेत्र में गीला और सूखा कचरा रखा जाता है और यहीं पर एक निजी कंपनी ने प्लांट लगा रखा है। इस प्लांट में मिले सूखे कचरे का निस्तारण किया जाता है और बचे हुए कचरे को ईँट और सीमेंट के कारखाने में भेजा जाता है। यहाँ करीब ढाई करोड़ रुपए का कचरा रखा हुआ था और ढाई करोड़ का पास में प्लांट था। इस प्लांट की सभी मशीनें भी आग में जल कर स्वाहा हो गई। इस घटना में कुल मिलाकर 5 करोड़ रुपए का का नुकसान हुआ है और इस आगजनी से अब स्वच्छता सर्वे में भी उज्जैन पिछड़ जाएगा क्योंकि गोंदिया ट्रेंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था और निस्तारण प्लांट की व्यवस्था को देखने के लिए केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वे की टीम एक-दो दिनों में आने वाली थी, लेकिन आगजनी में सब कुछ जलकर खाक हो गया । अब टीम क्या देखेगी, ऐसे में वह कचरा निस्तारण के मिलने वाले अंक नगर निगम को नहीं मिल पाएंगे। इसके चलते वह अब सर्वे की दौड़ में काफी पिछड़ जाएगी। हालांकि ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग से निपटने के प्रबंधों में बोरिंग और अन्य उपाय किए गए हैं और आग लगने पर इनका उपयोग किया गया लेकिन उससे आग नहीं बुझाई जा सकी।
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