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    पानीपत में गोल्डन ब्वॉय Neeraj Chopra का इंतजार, घर में स्वागत के लिए ऐसी हैं तैयारियां

  • August 09, 2021

    पानीपतः टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने न सिर्फ अपने गांव अपने सूबे बल्कि पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है. जीत की खबर आने के बाद से लगातार पानीपत में उनके गांव में जश्न का माहौल है. ढोल नगाड़ों की ताल पर नीरज की मां, चाची, दादी, ताई और परिवार का हर सदस्य खूब नाचा और जश्न में मग्न दिखाई पड़ा।


    एक मीडिया समूह से बातचीत करते हुए नीरज की दादी ने कहा कि उसे अपनी दादी के हाथ का बनाया चूरमा ज्यादा पसंद है और जब बेटा घर लौटकर आएगा तो उसे अपने हाथ से बनाया चूरमा खिलाएंगी.

    नीरज की दादी करेंगी पोते का चूरमा से स्वागत
    नीरज की चाची कहती हैं कि भले ही चूरमा में कैलोरी ज्यादा है, लेकिन बेटा खेल कर आया है और अब उसे थोड़ी कैलोरी देने की जरूरत है. नीरज का परिवार बड़ा है और रिश्ते में दादी लगने वाली दूसरी महिलाएं कहती हैं कि बेटे ने सिर ऊंचा कर दिया है और अब वह गांव के सभी बच्चों को नीरज चोपड़ा ही बनते देखना चाहती हैं.

    नीरज चोपड़ा गांव के युवाओं के लिए मिसाल हैं और इसलिए सनी, धर्मेश जैसे गांव में जितने भी युवा खिलाड़ी हैं, अब वे सब नीरज चोपड़ा की राह पर ही चलना चाहते हैं. धर्मेश बताते हैं कि नीरज अपने काम को लेकर, अपने खेल को लेकर पूरी लगन से मेहनत किया करते थे. नीरज के दोस्त सनी कहते हैं कि वह वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं और गांव के सभी युवा नीरज से इतने प्रेरित हैं कि हर कोई खेलों में अपने देश का नाम ऊंचा करना चाहता है.

    गांव के बच्चों ने बताए दिलचस्प किस्से
    गांव में ही एक प्राइमरी स्कूल है जहां नीरज छुट्टियों से आकर जैवलिन के साथ-साथ वॉलीबॉल भी खेला करते थे. साथ ही गांव के छोटे बच्चों को खेल सिखाया करते थे. इस मैदान को लेकर नीरज चोपड़ा के दोस्तों की यादें अनमोल हैं. सनी बताते हैं कि खेल-खेल में कुछ समय पहले नीरज का दाया कंधा उतर गया था जो बाद में ठीक हो गया.

    पानीपत शहर के अंदर शिवाजी स्टेडियम है जहां नीरज हमेशा प्रैक्टिस किया करते हैं. यहां दूसरे ऐसे खिलाड़ी भी आते हैं जो शौकिया खेल खेलते हैं लेकिन हर किसी ने नीरज को देखा था और आज वह मानते हैं कि अब इतिहास में प्रसिद्ध पानीपत का शिवाजी स्टेडियम भी ऐतिहासिक हो गया है. प्रवीण कुमार कहते हैं कि हम कई बार प्रैक्टिस के दौरान नीरज को यहां देखा करते थे और एक बार उनके मुकाबले के दौरान जैवलिन के रास्ते में आने की वजह से मुझे डांट भी पड़ी थी.

    नीरज का इंतजार कर रहा गांव
    पानीपत की जमीन ऐतिहासिक युद्ध के लिए जानी जाती है और अब उसी पानीपत की जमीन से निकले एक बेटे ने टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर न‌ सिर्फ पानीपत या हरियाणा बल्कि पूरे हिंदुस्तान का सीना चौड़ा कर दिया है. फिलहाल पूरे हरियाणा को नीरज चोपड़ा के आने का इंतजार है.

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