प्रयागराज । प्रयागराज के महाकुंभ मेला 2025 (Mahakumbh Fair) में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने वाले कई अद्भुत साधु-संतों में एक प्रमुख नाम है, गोल्डन बाबा (Golden Baba) का। एसके नारायण गिरी जी महाराज, (SK Narayan Giri Ji Maharaj) जिन्हें गोल्डन बाबा के नाम से जाना जाता है, इन दिनों कुंभ मेला में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनका व्यक्तित्व और अनोखा अंदाज श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
गोल्डन बाबा का जन्म केरल में हुआ था, लेकिन वर्तमान में वे दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े से जुड़कर आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की। गोल्डन बाबा की विशेष पहचान उनके शरीर पर पहने गए सोने के आभूषणों से है। वे लगभग 4 किलो सोना पहनते हैं, जिनकी कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है। उनका हर आभूषण, चाहे वह अंगूठी हो, कंगन हो, घड़ी हो या हाथ में सोने की छड़ी, सबमें एक आध्यात्मिक और साधना से जुड़ी हुई गहरी कहानी छिपी हुई है। उनकी छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे होते हैं, जो उनके साधना और धार्मिक जीवन का प्रतीक माने जाते हैं।
गोल्डन बाबा का जीवन न केवल एक साधु का जीवन है, बल्कि वह एक प्रेरणा भी है। वे कहते हैं कि साधना के बिना कोई भी आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं है, और वे अपने आभूषणों के माध्यम से लोगों को यह समझाना चाहते हैं कि हर चीज़ का एक गहरा आध्यात्मिक अर्थ होता है। कुंभ मेला में गोल्डन बाबा की उपस्थिति लोगों को उनके साधना के प्रति आस्था और प्रेरणा देती है। उनके पास छह सोने के लॉकेट हैं, जिनसे लगभग 20 मालाएं बन सकती हैं। उनका मोबाइल भी सोने की परत में ढका हुआ है।
श्रद्धालु उन्हें ‘गोल्डन बाबा’ के नाम से जानते हैं और उनके पास आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। गोल्डन बाबा का मानना है कि उनका यह सोने से सजा रूप केवल एक भव्यता नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जीवन की ओर संकेत करता है। गोल्डन बाबा की छवि कुंभ मेले में एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जो न केवल उनके आभूषणों के कारण, बल्कि उनके आध्यात्मिक संदेश और साधना के प्रति प्रतिबद्धता के कारण भी लोगों के दिलों में विशेष स्थान बना चुकी है। उनके व्यक्तित्व में अध्यात्म, भक्ति और साधना का अद्भुत समागम है, जो समाज को एक सकारात्मक दिशा की ओर प्रेरित करता है।
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