कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय (Keral high court) ने मंगलवार को सोने की तस्करी (Gold smuggling) मामले में लगभग 16 महीने बाद मुख्य आरोपी (Accused) स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) को जमानत दे दी (Granted bail) है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ दर्ज मामले में जमानत मिली है और उसे अन्य मामलों में जमानत मिल गई थी, इसलिए वह अब मुक्त हो सकती है। उसके वकील ने कहा कि अदालत ने उसे एनआईए मामले में आतंकवाद के मामले में क्लीन चिट दे दी है।
तस्करी का मामला 5 जुलाई, 2020 को सामने आया था, जब सीमा शुल्क ने यहां यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी सरित को वाणिज्य दूतावास के लिए नियत राजनयिक सामान में सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। स्वप्ना सुरेश, जो पहले संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास में काम करती थी और उसके सहयोगी संदीप नायर को कुछ दिनों बाद इस मामले में एनआईए ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।जब कोरोनोवायरस के प्रसार की जांच के लिए पिछले साल यात्रा पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे, तो स्वप्ना सुरेश और नायर दोनों यहां से बेंगलुरु जाने में कामयाब रहे थे, जहां से कुछ दिनों बाद उन्हें एनआईए की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया था।
इस बीच स्वप्ना को जमानत मिलने पर उसकी मां ने खुशी जाहिर की है। उसकी मां ने कहा, “इस समय, मैं केवल इतना कहना चाहती हूं कि उन सभी को धन्यवाद दूंगी, जिन्होंने हमारा समर्थन किया और उन लोगों को भी जिन्होंने हमारा मजाक उड़ाया। हर हफ्ते मैं जेल में उससे मिलने जाती थी और मेरा दिल टूटकर लौटता था। एक मां के रूप में, क्या मैं कहूं कि मेरी बेटी निर्दोष है और वह अपनी बेगुनाही साबित करेगी। वह कहती थी कि वह फंस गई है, लेकिन यह कभी नहीं कहा कि वे लोग कौन थे, जिन्होंने उसे फंसाया। हालांकि, एक बार जब वह बाहर आ जाएगी, तो मैं खुद उसे मीडिया के सामने लाऊंगी।”
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