नई दिल्ली। आज फिर से सोने के दाम (Gold Price Today) में गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार को सोना 50,325 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था, जो आज 125 रुपये की गिरावट के साथ 50,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला। सोने में आई ये गिरावट (Gold Price Fall) बढ़ती ही चली गई। शुरुआती कारोबार में ही सोना ने 50,149 रुपये प्रति 10 ग्राम न्यूनतम स्तर भी छू लिया। वहीं सोना अपने ओपनिंग प्राइस से ऊपर जाने में कामयाब नहीं हो सका है। कल भी सोना गिरा था और दो दिनों में देखें तो सोने में भारी गिरावट आ चुकी है। पिछले दिनों में कोरोना वैक्सीन के सफल ट्रायल की खबरें आ रही हैं, जिसके चलते लोगों का सोना से रुझान कम हो रहा है, जबकि शेयर बाजार हर दिन नए रेकॉर्ड बना रहा है।
कमजोर हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे वायदा कारोबार में बुधवार को सोना 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,475 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर माह में डिलिवरी वाले सोना वायदा की कीमत 291 रुपये यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,475 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। इसमें 7,626 लॉट के लिये कारोबार किया गया। न्यूयार्क में सोना 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,880.90 डॉलर प्रति औंस रह गया।
सर्राफा बाजार में सोने की कीमत गिरी
रुपये के मूल्य में सुधार और निवेशकों की कमजोर मांग से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना बुधवार को 357 रुपये की गिरावट के साथ 50,253 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्युरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पहले के कारोबार में सोना 50,610 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसी तरह चांदी भाव भी 532 रुपये की गिरावट के साथ 62,693 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी। मंगलवार के कारोबारी सत्र में यह भाव 63,171 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
देखिए ऑल टाइम हाई से कितना गिरे सोना-चांदी
7 अगस्त 2020, ये वो दिन था जब सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड बनाया। सोने और चांदी दोनों ने ही अपना ऑल टाइम हाई छुआ। 7 अगस्त को सोने ने 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का ऑल टाइम हाई का स्तर छुआ था, जबकि चांदी ने 77,840 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ था। सोना अब तक करीब 6000 रुपये प्रति 10 ग्राम गिरा है, जबकी चांदी करीब 15,500 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है।
क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?
कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी
67 हजार रुपये तक जा सकता है सोना
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज के अनुसार सोने का भाव लंबी अवधि में 65-67 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है। फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की मांग तीसरी तिमाही में 30 प्रतिशत गिरने के बाद चौथी तिमाही में वापस बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इस दौरान आभूषणों की खरीदारी में तेजी आएगी। रिपोर्ट में अनुमान है कि अमेरिकी चुनाव के बाद आने वाले कुछ महीने सोने की कीमत को तय करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे और इस दौरान केंद्रीय बैंकों का रुख, कम ब्याज दर, कोविड-19 महामारी का प्रभाव और अन्य चिंताएं कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं, हालांकि सर्राफा के लिए संभावनाएं अच्छी हैं।
कोरोना काल में सोना बना वरदान
सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।
मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!
सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।
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