नई दिल्ली। देश का सोना आयात फरवरी, 2024 के मुकाबले मार्च में 90 फीसदी से अधिक घटकर कोरोना महामारी के बाद से अपने निचले स्तर पर पहुंच जाएगा। एक सरकारी अधिकारी और दो बैंक डीलरों ने बताया कि बहुमूल्य धातु की रिकॉर्ड उच्च कीमतों की वजह से मांग प्रभावित हुई है। इससे बैंकों ने सोने की खरीदारी में कटौती की है, जिससे आयात में बड़ी गिरावट आ सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत ने फरवरी में 110 टन सोने का आयात किया था। मार्च में यह घटकर 10-11 टन पर सीमित रह सकता है।
व्यापार घाटे में आएगी कमी
सोने के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता भारत के कम आयात से वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातु की कीमतों में तेजी सीमित रह सकती है, जो इस माह की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। आयात में गिरावट से भारत को व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही, रुपये को भी समर्थन मिल सकता है।
खरीदारी घटने की वजह
जूलर्स 35 डॉलर प्रति औंस से अधिक छूट के बाद भी सोना नहीं खरीद रहे हैं क्योंकि रिकॉर्ड उच्च कीमतों पर आयात करने व मांग बढ़ने की प्रतीक्षा करने का कोई कारण नहीं है। ग्राहक ऊंची कीमतों के कारण सोने के पुराने आभूषणों को नए से बदल रहे हैं, जिससे जूलर्स ने बैंकों से सोना खरीदना बंद कर दिया है।
सोना 150 रुपये महंगा चांदी 250 रुपये फिसली
वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से बुधवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोना 150 रुपये महंगा होकर 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। चांदी 250 रुपये सस्ती होकर 77,250 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 66,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बंद हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना मजबूती के साथ 2,180 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
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