इन्दौर। रजिस्ट्री, पावर आफ अटार्नी, वसीयत जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को तेजी से निपटाने के लिए तैयार किया गया सम्पदा पोर्टल सात दिनों से कछुआ चाल चल रहा है। न रजिस्ट्री हो रही है, न प्रिंट निकल पा रही है, वहीं सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा किए जाने वाला फंड भी अटक रहा है।
एक दिन में लगभग 600-700 रजिस्ट्री, पावर आफ अटार्नी, वसीयत के माध्यम से सरकार को इंदौर जिले से मिलने वाले करोड़ों रुपयों के राजस्व का घाटा हो रहा है। पिछले सात दिनों से सर्वर या तो कछुआ चाल चल रहा है या ठप पड़ा हुआ है। कटनी और अन्य जिले के सर्विस प्रोवाइडरों ने जहां ज्ञापन सौंपकर काम बंद रखा है, वहीं अब इंदौर जिले में भी सर्विस प्रोवाइडर लामबंद हो रहे हैं। सर्विस प्रोवाइडर एडवोकेट दीपक मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले सात दिनों से पोर्टल की हालत यह है कि सेवाप्रदाता के अकाउंट से पैसे कट रहे हैं, लेकिन क्रेडिट लिमिट नहीं बढ़ रही है। बार-बार सर्वर और साइड बंद होने के कारण सैकड़ों आवेदक सुबह से लेकर शाम तक परिसर में रजिस्ट्री करवाने के लिए खड़े रहते हैं, लेकिन कोई लाभ नहीं हो रहा है। स्टाम्प फीस की लिमिट बढ़ाने में समय की बर्बादी तो हो रही है, साथ ही रजिस्ट्री की प्रिंट निकालने के लिए आवेदकों को सात दिन से ज्यादा का समय लग रहा है।
ये रखेंगे मांगें
लम्बे समय से सम्पदा पोर्टल की वजह से परेशानी झेल रहे सर्विस प्रोवाइडर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने जा रहे हैं। पैसा सेवा प्रदाता के अकाउंट से कटने के बाद क्रेडिट लिमिट में नहीं आना, सर्वर का बार-बार बंद होना, धीमी चाल से चलना, वर्किंगअवर में लोड नहीं लेना, स्टाम्प फीस के भुगतान एक क्लिक में नहीं होने, स्टाम्प फीस की लिमिट बढ़ाने में अत्यधिक समय बर्बाद होने, डीड कंज्यूम करते समय डीड का करप्ड होना व डीड का नहीं खुलना, रजिस्ट्री के प्रिंट के समय डीड करप्ड हो जाना या नहीं खुलना, स्टाम्प प्रिंट नहीं निकलना और रिप्रिंट के लिए भी रजिस्ट्रार कार्यालय के आवेदकों को चक्कर काटना पड़ रहे हैं। सेवा प्रदाता की लिमिट से अपनेआप राशि कट जा रही है या गायब हो जाती है। टिकट बुक वाली रजिस्ट्री का निराकरण भी नहीं हो रहा है। इन सभी मांगों को लेकर सेवा प्रदाता मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
रजिस्ट्री के मुहूर्त तक फेल
नए साल में अपने घर का सपना देखने वाले आवेदकों और पंडित से मुहूर्त निकलवाकर रजिस्ट्री करवाने वाले आवेदकों को सम्पदा पोर्टल की कछुआ चाल के चलते मायूसी हाथ लग रही है।
हां, पोर्टल की तकलीफ है
हां, यह सच है कि पिछले 15 दिनों से पोर्टल तकलीफ दे रहा है, जिसके चलते आवेदकों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। -विवेक हिरदे, सबरजिस्ट्रार दिक्कत आई थी बीच में दिक्कत आई थी, लेकिन कल पोर्टल ठीक चला, लोगों की रजिस्ट्रियां और काम हो रहे हैं। -पवन कुमार, प्रभारी जिला रजिस्ट्रार
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