नई दिल्ली: अगर आप ऑनलाइन की बजाय रेलवे रिजर्वेशन काउंटर से टिकट लेने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, नहीं तो टिकट बुकिंग में आपको परेशानी आ सकती है. भारतीय रेलवे ने आरक्षण काउंटर से टिकट बुक करते समय यात्रियों के लिए अपने गंतव्य का पता और पिन कोड दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको टिकट जारी नहीं किया जाएगा. मतलब आपको टिकट खिड़की पर जाने से पहले पता और उसका पिन कोड तैयार रखना होगा.
रिजर्वेशन काउंटर से टिकट के नियम
ये नियम भारतीय रेलवे ने पिछले साल अनिवार्य किया था, ताकि महामारी के दौरान लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा सके. पिछले कोरोना महामारी की वजह से मार्च, 2020 से ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी. हालांकि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं. इसके लिए रेलवे ने आरक्षित टिकटों के लिए यात्री का पूरा और पिन कोड को अनिवार्य कर दिया था. इस नियम को तब भी जारी रखा गया जब कोरोना का प्रकोप हल्का पड़ा.
हालांकि बाद में रेलवे ने रिजर्वेशन काउंटर से टिकट के लिए पिन कोड के नियम में राहत जरूर दी. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक धनबाद रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर लोगों की लंबी भीड़ देखी गई, पता चला कि वहां पर कई अनपढ़ लोग भी थे जिन्हें अपने गंतव्य का पिनकोड नहीं मालूम था, हालांकि रेलवे ने इस अनिवार्य की लिस्ट से हटा दिया था, फिर भी धनबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से पिन कोड मांगा जा रहा था.
इस वजह से लिया फैसला
रेलवे की ओर से ऐसा फैसला इसलिए लिया गया, ताकि अगर कोई यात्री कोरोना पॉजिटिव हो तो उसकी पहचान जल्द से जल्द की जा सके. हालांकि इससे टिकट बुकिंग के फॉर्मेट में यात्रियों को टिकट बुक करवाते समय पूरा पता दर्ज करना अनिवार्य नहीं था. इसके पहले रेलवे की तरफ से सिर्फ पते की जगह पर एरिया का नाम और जिले का नाम भर देने पर ही मंजूर कर लिया जाता था.
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