वाशिंगटन(Washington.)। देश विदेश में लोगों किफायती दामों हवाई सफर की सेवा प्रदान करने वाली भारत की एयलाइंस कंपनी गो फर्स्ट दिवालियापन (go first bankruptcy) का सामना कर रही है। इसके लिए कंपनी ने बीते 2 मई को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में स्वैच्छिक दिवालिया की एक याचिका दायर की थी। दायर हुई याचिका पर एनसीएलीटी ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एयरलाइंस ने पतन के लिए इंजन आपूर्ति कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदारी ठहराया था और अब गो फर्स्ट प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ कड़ा कदम उठाने जा रहा है।
बता दें कि गो फर्स्ट ने अपनी वित्तीय स्थिति के लिए अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) को कसूरवार बताया था। वहीं, जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा ने भी गो फर्स्ट के बयान का समर्थन किया था। हालांकि, अब पीएंडडब्ल्यू के एक अधिकारी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि वह एयरलाइन के दावों के खिलाफ कानून का सहारा लेगी।
इसके बाद गो फर्स्ट के सीईओ ने अमेरिकी कंपनी पर निशाना साधा था। गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने अपने कर्मचारियों से कहा था कि एयरलाइन में आई गड़बड़ी का कारण प्रैट एंड व्हिटनी इंजन हैं। इनके बार-बार खराब होने की वजह से एयरलाइन में समस्या आई है। वहीं उन्होंने लीज देने वाले लोगों (पट्टेदार) द्वारा सख्ती करने की बात भी कही थी।
सीईओ ने कहा था कि एयरलाइन का बेड़ा घटता जा रहा है। ऐसे में हम पट्टेदारों के भुगतान के लिए राजस्व उत्पन्न करने में असमर्थ हैं। ऐसे में पट्टेदार कठोर कदम उठा रहे हैं।
अमेरिकी कंपनी पीएंडडब्ल्यू के अधिकारियों ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा था कि यह पहली बार नहीं है, जब गो फर्स्ट के साथ ऐसा कुछ हुआ है। उसका पहले भी प्रैट के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को खो देने का एक लंबा इतिहास रहा है। अब उसने एक बार गो फर्स्ट एयरलाइन के आरोप को बेबुनियाद बताया है। प्रैट एंड व्हिटनी ने कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति के लिए हम जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने जो आरोप लगाया है उससे सख्ती से निपटा जाएगा। हम कानून का सहारा लेंगे।
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