भोपाल। प्रदेश आज से बकरी का दूध मिलना शुरू हो गया है। बकरी दूध (Goat Milk) विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल जिलों से एकत्र दूध से की जा रही है। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के जनजातियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है। 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर से यह दूध फिलहाल जबलपुर और इंदौर दुग्ध संघ के पार्लरों पर उपलब्ध होगा। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल आज बड़वानी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ किया। बकरी का दूध पौष्टिक खनिज तत्वों से भरपूर होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
बकरी का दूध शरीर में अच्छे कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है। हृदय को कोरोनरी बीमारी से बचाने में प्रभावी है। बकरी का दूध चयापचय (मेटाबॉलिक) एजेंट होने से कॉपर और आयरन को भी मेटाबोलास कर सकता है। पाचन और कब्ज की समस्या और सूजन दूर करने में भी सहायक है। बकरी के दूध में उपलब्ध वसा एवं ट्राइग्लेसराइडस् मानव त्वचा में निखार लाते हैं। त्वचा को नर्म एवं स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद विटामिन- चेहरे के कील-मुँहासे को दूर कर रंग में निखार लाता है।
डेंगू से सुरक्षा
बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेटस् को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा करता है। लेक्टोज इन्टोलरेंट लोगों के लिये बकरी का दूध एक अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दुग्ध शर्करा से एलर्जी है, उनके लिये बकरी का दूध अच्छा विकल्प है। बकरी के दूध में अधिकतर ए-2 (केसीन) नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक नहीं होता और कोलाइटिस, चिड़चिड़ापन एवं आंतों के सिंड्रोम आदि से सुरक्षा करता है। बकरी का दूध अस्थिक्षय को भी रोकता है।
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