रामेश्वर धाकड़
भोपाल। बढ़ते प्रदूषण और कोलाहल के बीच यदि आप प्रकृति से करीब से जुडऩा चाहते हैं, तो कलियासोत बांध के किनारे विशाल पहाड़ी पर 90 एकड़ में फैली हरियाली पर पहुंच जाइए। हरी-भरी इस पहाड़ी पर वाल्मी (जल एवं भूमि प्रबध्ंान संस्थान) का मुख्यालय है। यहां खेल-कूद समेत विभिन्न एक्टिविटी होती हैं। यह कॉलेज के छात्रों से लेकर विभिन्न विभागों में अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए बड़ा प्रशिक्षण केंद्र बन गया है। पिकनिट स्पॉट के रूप में विकसित होता जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले वाल्मी परिसर में हाल ही में बच्चों के लिए फन एक्टिविटी आयोजित की गई है। जिसमें बच्चों को प्रकृति से जुडऩे और प्रकृति को समझने का बेहतर अवसर दिया गया। विशाल हरियाली के बीच एक सरोवर है और जगह-जगह पोखर है। जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है। संचालक उर्मिला शुक्ला ने पिछले तीन साल में वाल्मी की तस्वीर बदल दी है। पिछले कुछ महीनों में यहा सरकारी विभाग एवं निजी क्षेत्र के कार्यक्रम आयोजित किए गए है। वाल्मी मुख्यालय में बड़ा प्रशिक्षण केंद्र है। सभी कक्ष, हॉल एसी हैं। जो भी यहां पहुंचा बाल्मी को खूबसूरती पर फिदा हो गया।
राजधानी में सबसे बड़ा ग्रीनिंग प्वांइट
वाल्मी राजधानी में हरियाली का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। अभी तक वाल्मी जल एवं भूमि के प्रबंधन का काम करता रहा है, लेकिन अब वाल्मी ने अलग-अलग तरह की सेवाएं शुरू कर दी है। जिसमें घरों की दीवाल को ग्रीन वाल में बदलना, सिटी फॉरेस्ट, घर के कचरे से जैविक खाद बनाना, रूफ वाटर एवं ईकॉलोजी पार्क। पार्क वाल्मी परिसर में ही है। ड्ड
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved