धार: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) में भोजशाला (Bhojshala) परिसर के ASI सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार किया. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता काजी मोइनुद्दीन से कहा कि आप इस मामले में हाई कोर्ट (High Court) में पक्षकार नहीं थे इसलिए सुप्रीम कोर्ट आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता. आप हाई कोर्ट में जाकर अपनी बात रख सकते हैं.
इससे पहले सोमवार को एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए SC ने ASI सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि, SC ने कहा था कि उसकी अनुमति के बिना सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई न की जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सर्वे के दौरान परिसर में खोदाई का काम न किया जाए. कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, मध्य प्रदेश और ASI को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा था.
भोजशाला मस्जिद या मंदिर?
भोजशाला परिसर को हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं जबकि मुस्लिम समुदाय इसे हमेशा से कमाल मौलाना की मजिस्द बताता रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को आदेश दिया था कि कोर्ट ने केवल एक निष्कर्ष निकाला है कि भोजशाला मंदिर-सह-कमाल मौला मस्जिद परिसर का जल्द से जल्द वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन कराना एएसआई का संवैधानिक और कानूनी दायित्व है.
किसने बनवाया था भोजशाला?
बता दें कि हिंदू पक्ष का कहना है कि धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है. इसे राजा भोज ने 1034 ईस्वी में संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था. मगर बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था. हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दिया था, जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.
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