वाशिंगटन (Washington)। जलवायु परिवर्तन (Climate change) की बढ़ती रफ्तार के चलते पूरी दुनिया पर ग्लोबल वॉर्मिंग का असर और तीखा होता जा रहा है। पश्चिमी देशों में इसकी वजह से गर्मी के लगातार नए रिकॉर्ड (New records) बन रहे हैं। खासकर, दुनिया के सबसे गर्म स्थानों में से एक कैलिफोर्निया की डेथ वैली में रविवार को तापमान 53 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया।
1913 में सबसे अधिक तापमान का रिकॉर्ड
राष्ट्रीय मौसम सेवा ने कहा कि डेथ वैली के फर्नेस क्रीक में रविवार को तापमान 53.33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें, पृथ्वी पर अब तक सर्वाधिक तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस भी डेथ वैली के ही फर्नेस क्रीक रेंच में 10 जुलाई 1913 को दर्ज हुआ था। कैलिफोर्निया से फ्लोरिडा तक पूरे अमेरिकी दक्षिण में गर्मी के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। यूरोप में विनाशकारी गर्मी के साथ-साथ अमेरिका के पूर्वोत्तर, भारत, जापान और चीन में बाढ़ ने कहर बरपाई हुई है।
एक तिहाई लोग गर्मी से परेशान
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह देखने में भयावह नहीं लगती है, लेकिन ये अधिक खतरनाक है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भयानक गर्मी की चेतावनी जारी की है। इस गर्मी से करीब एक-तिहाई अमेरिकी यानी 11 करोड़ लोग प्रभावित हैं। पिछले महीने दक्षिण और मध्यपश्चिम के कुछ हिस्सों में गर्मी की लहर ने एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली।
लगातार 17वें दिन बढ़ी गर्मी
मौसम विज्ञानी गेब्रियल लोजेरो ने बताया कि फीनिक्स मंगलवार को रिकॉर्ड को तोड़ने की राह पर है। दरअसल, जून 1974 में लगातार 18 दिन तक गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़े थे। फीनिक्स में रविवार को तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो लगातार 17वें दिन 110 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक है। वहीं, लास वेगास में तापमान 46.11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
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