नई दिल्ली। गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. दोनों देशों में चल रही तनातनी के बीच पहली बार चीन ने माना है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी. इससे पहले चीन हमेशा से ही इस बात को झुठलाता आ रहा है।
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने खुद माना है कि हां गलवान में चीन को भी नुकसान हुआ था. हालांकि, ये दावा भी किया जा रहा है कि वो नुकसान भारत से कम था. ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने माना है कि गलवान में चीन की सेना को नुकसान पहुंचा था और कुछ जवानों की जान गई थी।
अखबार के प्रधान संपादक ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के एक बयान को ट्वीट कर लिखा कि जहां तक मुझे पता है गलवां घाटी की झड़प में चीनी सेना के जवानों की मरने वाली संख्या भारत के 20 के आंकड़े से कम थी. उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के किसी सैनिक को बंदी नहीं बनाया जबकि चीन ने उस दिन ऐसा किया था।
बता दें कि ग्लोबल टाइम्स चीन के पीपुल्स डेली का अंग्रेजी अखबार है, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी का ही पब्लिकेशन है. ये अखबार चीनी सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है. बताया जाता है कि अखबार वहीं बातें लिखता है जो चीन की सरकार चाहती है।
वहीं गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में भारत-चीन सीमा विवाद मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं. राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत सभी नियमों और समझौतों को ध्यान में रखते हुए सीमा की सुरक्षा कर रहा है लेकिन चीन की तरफ से बार बार सीमा समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है।
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