लंदन। वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) (Global Hunger Index (GHI)) में भारत (India) इस बार 127 देशों की सूची में 105वें स्थान आ गया है। पिछले वर्ष 125 देशों में भारत 111वें नंबर पर था और उससे पहले 107वें स्थान पर। यानी इस बार स्थिति में कुछ सुधार (Situation Some Improvement) हुआ है, लेकिन 27.3 अंक के साथ भारत अभी भी गंभीर भूख की समस्याओं (Severe appetite problems) वाले 42 देशों में बना हुआ है। इस सूची में चीन, यूएई और कुवैत समेत 22 देश पहले नंबर पर हैं।
जीएचआई बताता है कि किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है। जिस देश का स्कोर जितना कम होगा यानी वहां वहां के लोग उतने कम भूखे हैं। इस रिपोर्ट को आयरलैंड की संस्था कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प मिलकर प्रकाशित करते हैं। जीएचआई की 19वीं रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने पड़ोसी देशों श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश से पीछे हैं, जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मुकाबले अच्छी स्थिति में है। इसमें बताया कि गया है कि श्रीलंका 56, नेपाल 68 और बांग्लादेश 84वें स्थान के साथ भारत से कहीं आगे हैं। ये सभी देश बेहतर जीएचआई स्कोर के साथ मध्यम श्रेणी में हैं। वहीं, 109वें स्थान वाला पाकिस्तान और 116वें स्थान के साथ अफगानिस्थान गंभीर श्रेणी में शामिल हैं।
युद्ध के कारण गाजा और सूडान में असाधारण खाद्य संकट
जीएचआई के अनुसार, कुछ अफ्रीकी देश खतरनाक श्रेणी के अंतिम छोर पर हैं। रिपोर्ट में गाजा और सूडान में युद्ध को असाधारण खाद्य संकट का कारण बताया गया है। इसमें कहा गया है कि युद्ध और नागरिकों के बीच संघर्ष अन्य स्थानों पर भी खाद्य संकट पैदा कर रहा है, जिनमें डॉमिनिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, हैती, माली और सीरिया शामिल हैं।
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