मेडिकल कॉलेज के आई सेंटर में लेजर सर्जरी
इंदौर। अभी निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में आंखों पर चढ़े के चश्मे के नम्बर घटाने के लेजिक लेजर ऑपरेशन होते हैं, मगर अब यह सुविधा एमजीएम मेडिकल से जुड़े आई सेंटर को भी हासिल हो गई है, जहां पर 8 करोड़ रुपए की मशीन से रीफ्रेक्टिव सर्जरी यूनिट तैयार की गई है और निजी अस्पतालों की तुलना में आधी कीमत या उससे भी कम खर्च में लेसिक सर्जरी यानी ऑपरेशन हो सकेंगे।
इन दिनों छोटे बच्चों को भी चश्मा लग जाता है। 24 घंटे में से अधिकांश समय आज कल बच्चों से लेकर बड़ों का समय मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर को देखते हुए बीतता है, जिसके चलते आंखों पर जो तनाव बढ़ता है, उससे अब कम उम्र में ही नम्बर वाले चश्मे लगने लगे, तो अन्य आंखों की बीमारियों के चलते भी चश्मे लग जाते हैं। बीते कई वर्षों से चश्मों को हटाने के लिए लेसिक सर्जरी की जाती रही है। हालांकि अब तो अत्याधुनिक मशीनें इस सर्जरी की आ गई है, लेकिन अधिकांश इस तरह की सर्जरी निजी आई क्लीनिकों और अस्पतालों में ही होती है। मगर अब यह सुविधा आई सेंटर में भी उपलब्ध हो गई है। पिछले दिनों ही 8 करोड़ रुपए लागत की मशीन इस सेंटर को मिली है। देशभर में इस तरह की अत्याधुनिक लेसिक सर्जरी करने वाली मशीनें गिनती की ही है, जो ब्लेड रहित लेसिक सर्जरी करने में सक्षम है। इसके बाद अधिक नम्बरों के मोटे चश्मे हट जाते हैं और कई मरीजों को तो जिनके कम नम्बर रहते हैं उन्हें इस सर्जरी के बाद चश्मा लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। महिलाओं और युवतियों द्वारा इस तरह के ऑपरेशन अधिक कराए जाते हैं।
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