नई दिल्ली: कर्नाटक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बाद से देश में राजनीति गरमाई हुई है. बेंगलुरु की विशेष अदालत (Special Court) ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) के जरिए उगाही की शिकायत पर FIR का आदेश दिया था. इसे मामले में कांग्रेस (Congress) के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी पार्टी का इस एफआईआर से कुछ लेना देना नही है, जिसने FIR की उससे कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है.
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तरफ की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया, “सबको पता है कि निर्मला सीतारमण खुद से ये सब नहीं कर सकतीं.” उन्होंने कहा, “ऐसे मामले में आरोपी को समन किया जाता है और बयान दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी होती है. इस एफआईआर में वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण आरोपी नंबर एक हैं, अन्य व्यक्ति भी संबंधित धाराओं के तहत मामले में आरोपी हैं. इस FIR में नाम के साथ आंकड़े भी दर्ज हैं- जिसमें कुल आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपए का है.”
कांग्रेस महासिचव जयराम रमेश ने इसे लेकर कहा, “15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम गैर संवैधानिक है. इसके बाद 21 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट के दवाब में एसबीआई ने सारी जानकारी पब्लिश में डाली कि किसने कब और किससे खरीदा. बीजेपी सरकार चंदा दो धंधा लो प्रीपेड हो गया और दूसरा ठेका लो, चंदा दो ये पोस्टपेड हो गया.”
कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “मीडिया ने पिछले एक साल में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हुई कई सारी कहानियां, नाम और किस्से पब्लिश किए हैं,. जिनमें कई सारे तथ्य भी हैं.”
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