जबलपुर। हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गयी एक याचिका में बताया गया कि किस तरह से प्रार्थी की जमीन का विधिवत अधिग्रहण दिए बिना और मुआवजे का भुगतान किए बिना ही हाईवे बना दिया गया है। याचिका में गुहार लगाई गयी कि या तो सरकार और उसके विभाग जमीन को पहले जैसा कर दें या फिर मुआवजे की राशि का भुगतान कर दें। हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा एवं न्यायमूर्ति विनय सराफ ने मध्यप्रदेश शासन राजस्व मंत्रालय, कलेक्टर जबलपुर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, लेाक निर्माण विभाग व चेयरमैन नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया केो नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्तगण की ओर से अधिवक्ता सुशील त्रिपाठी, शीतला प्रसाद त्रिपाठी व आदित्य सिंह ने पैरवी की।
क्या है ये पूरा मामला…
मामले के अनुसार जबलपुर निवासी राजीव कुमार साहू एवं संतोष अग्रवाल ने 2012 में पंजीकृत विकय पत्र द्वारा खसरा नं. 70/33, रकवा 0.02 हे. भूमि केवलारी, तहसील-सिहोरा, जिला-जबलपुर में 4 लाख 15 हजार रुपये में खरीदी थी। इस भूमि के 15 सौ 60 वर्गफुट हिस्से में बिना अधिग्रहण किए एवं बिना मुआवजा राशि दिए राजमार्ग क्रमांक 7 का चौड़ीकरण करते हुए रोड बना दी गयी है। मप्र भू-अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार बिना अधिग्रहण किए, बिना अधिग्रहण की अधिसूचना जारी किए, बिना मुआवजा राशि दिए निजी भूमि पर राजमार्ग का चौड़ीकरण नहीं किया जा सकता है। इस प्रकरण में आवेदकों ने कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार को आवेदन भी दिया था,लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया।
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