- उच्च न्यायालय ने आदिम जाति कल्याण विभाग को दिया आदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में आदिम जाति कल्याण विभाग अनूपपुर के स्थाई कर्मियों द्वारा रिट पिटिशन क्रमांक 313 7 / 23 के माध्यम से उच्च न्यायालय जबलपुर में सातवां वेतनमान का लाभ देने के मामले में दायर की गई याचिका में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने 90 दिन में स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के आदेश पारित किया है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है तथा आज आदिम जाति कल्याण विभाग में मांग पत्र प्रस्तुत करके उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 90 दिवस में स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ एरियार सहित देने की मांग की है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि कर्मचारी मंच के नेतृत्व में श्यामा बाई एवं अन्य 57 आदिम जाति कल्याण विभाग जिला अनूपपुर के स्थाई कर्मियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम नरेश रावत बनाम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन के संबंध में 15 /12 /2016 को पारित आदेश के परिपालन में 2016 से एरियर सहित सातवें वेतनमान का लाभ देने की गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई करके आदिम जाति कल्याण विभाग के समस्त स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्थाई कर्मियों के समान ही दिसंबर 2016 से एरियर सहित देने के आदेश पारित किया है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने आदिम जाति कल्याण मंत्री से मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में आदिम जाति कल्याण विभाग के समस्त स्थाई कर्मियों को छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ एरियार सहित प्रदान करने के आदेश जारी किए जाएं। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच लंबे समय से सरकार से स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में देने की मांग कर रहा है लेकिन सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ मात्र लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्थाई कर्मियों को दिया है बाकी 52 विभाग के स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ आज भी नहीं दिया गया है ।