डिंडौरी। जिले के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ। यहां लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test) कराए गए। स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम (Local Congress MLA and former cabinet minister Omkar Markam) का आरोप है कि जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Chief Minister’s Kanyadan Yojana) में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवाना नियमों के विपरीत है। इन्होंने प्रदेश की सरकार पर निशाना साधा।
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस पर लगाए राजनीति करने के उपाय
बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने प्रदेश सरकार की महत्वाकांछी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनहितैषी बताते हुए ओमकार मरकाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रेगनेंसी टेस्ट को जायज ठहराते हुए अजीबो गरीब दलील भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कई बार योजना का लाभ लेने के लिए लोग दोबारा शादी कर लेते है। ऐसे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए लड़कियों का शारीरिक परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण डॉक्टरों की टीम करती है।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नहीं मिला योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों के विवाह हुए। लेकिन इस समारोह में लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने को लेकर बबाल हुआ। बच्छरगांव निवासी देववती बताती हैं कि हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए फार्म भरा था, जिसके बाद बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल टेस्ट कराया गया और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेरा नाम सूची से हटा दिया गया।
स्वास्थ्यकर्मी बोले- जैसे आदेश मिले, वैसा ही किया
बछरगांव निवासी ममता का कहना है कि मुझे मेडिकल टेस्ट के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया। टेस्ट के बाद मेरा नाम भी सूची से हटा दिया। ग्राम पंचायत की सरपंच मेदनी मरावी ने भी कार्यक्रम में लड़कियों के टेस्ट कराने को हंगामा किया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पहले तो प्रेगनेंसी टेस्ट के सवालों से बचते नजर आए। बाद में इन्होंने बताया कि ऊपर से आए निर्देशों के बाद हमने ये टेस्ट किए हैं।
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