बेंगलूरु । कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी में कॉलेज में लड़कियों के हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर जारी विवाद के बीच इसी तरह का एक मामला कुंडापुर में भी सामने आया है. यहां उडुपी से 40 किलोमीटर दूर कुंडापुर के एक कॉलेज में कुछ छात्राएं जब हिजाब पहनकर पहुंची तो इसके जवाब में करीब 100 लड़कों ने केसरिया शॉल ओढ़कर इसका विरोध किया. स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, कुंडापुर विधायक हलादी श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज के अधिकारियों और छात्रों के साथ बैठक की.
इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई क्योंकि लड़कियों के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चों को हिजाब पहनने का अधिकार है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि छात्रों को एक समान वर्दी पहनने के नियम का पालन करना चाहिए. बता दें कि कर्नाटक के मेंगलुरु शहर के उडुपी जिले स्थित एक सरकारी महिला कॉलेज की एक छात्रा ने कर्नाटक हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करके कक्षा के भीतर हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया है. छात्रा रेशम फारूक ने यह याचिका दायर की है. रेशम का प्रतिनिधित्व उसके भाई मुबारक फारूक ने किया.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि छात्राओं को हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत दिया गया मौलिक अधिकार है और इस्लाम के तहत यह एक आवश्यक प्रथा है. याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि उसे और उसकी अन्य सहपाठियों को कॉलेज प्रशासन के हस्तक्षेप के बिना हिजाब पहनकर कक्षा में बैठने की परमिशन दी जाए.
याचिका में कहा गया है कि कॉलेज ने इस्लाम धर्म का पालन करने वाली आठ छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया. इसमें कहा गया है कि ये छात्राएं हिजाब पहने थीं, इसलिए उन्हें शिक्षा के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से शतहाबिश शिवन्ना, अर्णव ए बगलवाड़ी और अभिषेक जनार्दन अदालत में पेश हुए. इस मामले में पहली सुनवाई इस सप्ताह के अंत तक होने की संभावना है.
उडुपी के विधायक एवं कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष के. रघुपति भट ने हिजाब पहनने के अधिकार के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही छात्राओं के साथ बैठक के बाद स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा विभाग के फैसले के तहत छात्राओं को ‘हिजाब’ पहनकर कक्षा में प्रवेश की परमिशन नहीं होगी.
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