बागेश्वर: देवभूमि (Devbhoomi) कहे जाने वाले उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी इन दिनों कई अजीबोगरीब घटनाएं हो रही हैं. इन घटनाओं को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे इंसान के जीवन की कोई कीमत ही नहीं है. ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला बागेश्वर (Bageshwar) के दाबू गांव (Dabu Village) से सामने आया है, जहां 18 साल की एक लड़की (Girl) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई और गांव वालों ने लड़की की मौत को आत्महत्या बताकर बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया. युवती की नानी ने बिना सूचना के अंतिम संस्कार करने का विरोध किया. मामले में राजस्व पुलिस को तहरीर दी. जिसके बाद राजस्व पुलिस ने ग्राम प्रधान सहित अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच की जा रही है.
मिली जानकारी के अनुसार, बागेश्वर गरुड़ तहसील के दाबू गांव की हेमा बिष्ट (18) की गांव के ही जंगल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. ग्रामीणों के मुताबिक युवती का शव पेड़ से लटका हुआ मिला था लेकिन यह मामला तब शक के दायरे में आ गया, जब बिना पोस्टमार्टम के युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया. मामले में मृतका की नानी ने तहरीर देकर दाबू और पय्या के ग्राम प्रधान सहित संस्कार में शामिल ग्रामीण पर एकत्र होकर युवती की हत्या करने का आरोप लगाया है.
मृतका की नानी ने तहरीर में बताया कि हेमा की मां नहीं हैं, उनका पहले ही स्वर्गवास हो चुका है. लड़की की मौत की सूचना ननिहाल वालों तक को नहीं दी गई, जिस पर नानी ने आक्रोश जताया और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की. वहीं नानी के आरोपों पर बताया जा रहा है कि मृतका के दादा ने उसकी नानी को फोन कर सूचना देने के लिए कहा था लेकिन नानी के घर पहुंचने से पहले ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया. बताया जा रहा है कि हेमा की मौत के बाद गांव के कुछ लोगों ने पंचायत बुलाई. पंचायत बुलाकर मृतका का बिना पोस्टमार्टम किए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया, यहां तक कि अंतिम संस्कार के लिए युवती को अन्य घाटों पर नहीं ले जाया गया बल्कि गांव के ही एक घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिसके बाद शक और गहरा गया.
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