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    शराब पिलाने के बाद गर्लफ्रेंड को गला दबाकर उतारा मौत के घाट, बर्थडे पार्टी में हुआ था झगड़ा

  • August 14, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli) । लखनऊ (Lucknow) की वृन्दावन कॉलोनी में बर्थडे (Birthday) पार्टी (Party) के दौरान विवाद (Controversy) होने पर विष्णु ने पहले सुष्मिता को शराब (Liquor) पिलाई। फिर कमरे में ले जाकर गला दबाकर हत्या (the killing) कर दी। इसके बाद विष्णु दोस्त अनुज उर्फ सूरज गुप्ता के साथ कार से वृन्दावन कॉलोनी, सेक्टर-19 में छोड़ आया था। विष्णु से पूछताछ के बाद यह खुलासा होने पर पीजीआई पुलिस ने सूरज को भी गिरफ्तार कर लिया है। सूरज पर हत्या के साक्ष्य मिटाने का आरोप है। दोनों को जेल भेज दिया गया है।

    सुष्मिता मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली थी। उसका शव वृन्दावन कॉलोनी सेक्टर-19 में कार के अंदर मिला था। कार में मिले सुष्मिता के मोबाइल नम्बर से उसके दोस्त कानपुर, बर्रा निवासी विष्णु द्विवेदी का पता चला था। इसके बाद पीजीआई पुलिस की सूचना पर विष्णु को धनबाद रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने पकड़ लिया था। विष्णु रट लगाये रहा कि सुष्मिता ने झगड़ा होने पर कमरा बंद कर फांसी लगा ली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई।


    एक और दोस्त आरोपी बना
    एडीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टर ने विष्णु से शनिवार रात और रविवार दोपहर कई बार पूछताछ की। इसमें पता चला कि विष्णु कार से सुष्मिका का शव ठिकाने के लिए जगह ढूंढ़ रहा था तो उसके साथ इटावा, जसवंत नगर निवासी सूरज भी था। इससे पहले सूरज ने तीन दिन हिरासत में रहने के दौरान यह तथ्य छिपाए रखा। एडीसीपी सै. अली अब्बास ने बताया कि सूरज के खिलाफ हत्या के साक्ष्य छिपाने के तहत कार्रवाई की गई है। अन्य तीन दोस्तों की भूमिका खंगाली जा रही है।

    सुष्मिता के पिता लौटे उड़ीसा
    पेशे से किसान सुष्मिता के पिता सूरजा मणि राउत गांव से सात हजार रुपये ब्याज पर और कुछ रिश्तेदारों से उधार लेकर लखनऊ आये थे। गाड़ी किराये पर कर उड़ीसा जाने का खर्चा भी उनके पास नहीं था। इसलिए लखनऊ में ही बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। सूरजा मणि और उनके दो रिश्तेदार शनिवार को उड़ीसा रवाना हो गये। पुलिस अफसरों ने उन्हें अपना नम्बर देकर कहा कि आरोपितों को सख्त सजा दिलायेंगे।

    महिला के जरिए सम्पर्क में आई थी
    सुष्मिता का विष्णु से सम्पर्क उसकी करीबी महिला ने कराया था। इस महिला ने भी विष्णु को अविवाहित बताया था। पुलिस का कहना है कि सुष्मिता किसी और मकसद से विष्णु से जुड़ी थी। इस दौरान उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी थी पर, विष्णु कई और लड़कियों के सम्पर्क में था।

    सुष्मिता के हैं दो लाख रुपये और जेवर
    विष्णु के पास से सवा तीन लाख रुपये और जेवर बरामद हुए थे। उसने पुलिस को बताया कि इनमें दो लाख रुपये सुष्मिता के हैं और एक लाख 19 हजार रुपये उसके थे। जेवर (चेन, कंगन व अंगूठी) सुष्मिता के ही थे। पुलिस ने जब विष्णु से पूछा कि इतने रुपये कहां से आये तो वह गोलमोल जवाब देता रहा। सुष्मिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, फिर दो लाख रुपये उसके पास कहां से आये। इस पर भी विष्णु ने कहा कि यह तो सुष्मिता ही जाने। एडीसीपी ने बताया कि सुष्मिता के मोबाइल से मिले नम्बरों के आधार पर पड़ताल हो रही है। पता चला है कि सुष्मिता कई लोगों के सम्पर्क में थी। इनसे भी पूछताछ होगी।

    अस्पताल को क्लीन चिट
    एडीसीपी ने बताया कि विष्णु सुष्मिता को वेलनेस अस्पताल ले गया था। पहले लगा था कि अस्पताल प्रशासन ने सूचना न देकर गलत किया। वहां पड़ताल की गई तो सामने आया कि वे इलाज के लिए सुष्मिता को लाए थे पर पहुंचने से पहले ही मर चुकी थी। लिहाजा कोई इलाज ही नहीं हुआ। डॉक्टरों के सुष्मिता को मृत बताते ही विष्णु और सूरज उसे लेकर चले गए थे। अस्पताल में इन लोगों ने फांसी वाली थ्योरी भी नहीं बताई थी। इसलिये ही अस्पताल प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    विष्णु की गर्लफ्रेंड का फोन आने से गुस्से में थी सुष्मिता
    सुष्मिता और विष्णु के मोबाइल की कॉल डिटेल में कई नम्बर समान मिले। इन पर जब बात हुई तो कई राज खुले। विष्णु ने कुबूला कि सुष्मिता से उसके सम्पर्क थे। वह कानपुर में भी उससे मिला था और खुद को अविवाहित बताया था। कुछ दिन पहले सुष्मिता को उसके शादी शुदा होने का पता चला को दोनों में झगड़ा हुआ था। सुष्मिता को यह भी पता चला था कि उसकी दो और गर्लफ्रेंड हैं।

    डीसीपी हृदयेश कुमार के मुताबिक बाद में सुष्मिता मुश्किल से सामान्य हुई थी। नौ अगस्त को विष्णु ने वृन्दावन योजना में किराये के फ्लैट पर बर्थडे पार्टी रखी थी। यहां एक गर्लफ्रेंड का फोन बार-बार आ रहा था। सुष्मिता की वजह से वह फोन नहीं उठा रहा था। वह कुछ देर के लिए हटी तो उसने गर्लफ्रेंड से फोन पर बात शुरू कर दी थी। सुष्मिता ने सुन लिया और वहीं झगड़ने लगी। झगड़ा करते हुए ही वह कमरे में चली गई थी। विष्णु का कहना था कि वहीं उसने कमरा बंद कर फांसी लगा ली थी। एडीसीपी ने बताया कि विष्णु ने जेल जाने तक हत्या की बात नहीं कुबूल की।

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