श्रीनगर: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के समर्थन में नेताओं के इस्तीफों का दौर जारी है. बुधवार को जम्मू में आम आदमी पार्टी (AAP) के 51 नेताओं ने इस्तीफा देकर गुलाम नबी आजाद का दामन थाम लिया है. इसके अलावा बुधवार को कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से 42 अन्य नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इन सभी नेताओं का कहना है कि वे गुलाम नबी आजाद की बनाई नई पार्टी (new party) में शामिल होंगे. ऐसे में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और ‘आप’ के 150 से ज्यादा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. इन नेताओं में राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद भी शामिल हैं.
अगले साल जम्मू-कश्मीर में कयासों का दौर चल रहा है और गुलाम नबी आजाद के समर्थकों का कहना है कि उनकी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. गुलाम नबी आजाद की रैली जम्मू के सैनिक फार्म में होने जा रही है और उससे पहले जिस तरह से कांग्रेसी इस्तीफा दे रहे हैं, केंद्र शासित प्रदेश में अपना जनाधार बचाना पार्टी के लिए बड़ा चुनौती बन गया है.
गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर तीखे हमले के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के राजनीति में आते ही पूरी कांग्रेस व्यवस्था चरमरा गई थी. गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. उनका 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है. कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा. माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान वह अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं.
राहुल गांधी 4 सितंबर को ही दिल्ली में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली को संबोधित करने जा रहे हैं. गुलाम नबी आजाद के कार्यक्रम से कांग्रेस का यह विरोध निश्चित तौर पर प्रभावित होगा. आजाद ने इस्तीफे के बाद कहा कि यह तो शुरुआत है. इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी तरफ से कांग्रेस पर हमले और बढ़ सकते हैं. गुलाम नबी आजाद की बगावत आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर के बाहर भी पार्टी को तनाव दे सकती है. मंगलवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा जैसे दिग्गज कांग्रेसियों ने दिल्ली में आजाद से मुलाकात की. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये नेता भी आने वाले दिनों में कांग्रेस को झटका दे सकते हैं.
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