नई दिल्ली: डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि कश्मीर में स्थिति में सुधार होने तक कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू शिफ्ट किया जाना चाहिए. गुलाम नबी आजाद ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, दुर्भाग्य से कुछ घटनाएं हो गई हैं. जीवन प्राथमिकता में है और इसलिए मेरी राय है कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को जम्मू में सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए. स्थिति में सुधार होने के बाद उनलोगों को वापस लौटना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जीवन रोजगार से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और केंद्रशासित प्रदेश में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर ऐसा कदम उठाने का वादा किया. उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि सरकार का रुख क्या है, लेकिन अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम ऐसा (अस्थायी तौर पर कर्मचारियों को जम्मू शिफ्ट) करेंगे.
विधानसभा चुनाव में देरी को लेकर क्या बोले आजाद?
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में देरी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हम पिछले छह साल से इंतजार कर रहे हैं. मैंने संसद में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया. वे हमें पंचायत चुनाव या डीडीसी चुनाव दिखाते हैं, लेकिन असली चुनाव विधानसभा का होता है, जो नहीं हो रहा है.
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद ने शनिवार को कहा कि गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देना उनकी एक बड़ी भूल थी.उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ताराचंद, पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा व पूर्व विधायक बलवान सिंह को आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
डीएपी के 100 से अधिक पदाधिकारियों और संस्थापक सदस्यों ने तीनों नेताओं के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की. इन नेताओं ने अपना अगला निर्णय लेने से पहले लोगों के बीच जाने का फैसला किया है. हालांकि, ताराचंद ने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक धर्मनिरपेक्ष रहेंगे और राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने पर उसमें शामिल होने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी.
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