नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के मसले पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ताजा हालात पर बयान के बाद, बाकी दलों के सांसदों ने भी अपनी बात रखी। कांग्रेस की तरफ से पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद ने पार्टी का पक्ष रखा। आजाद ने कश्मीर के साथ अपने जुड़ाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “बहुत सारे लोग, मंत्री और एमपी शायद इन तीनों-चारों जगहों (पैंगोंग झील, चुशूल, गोगरा आदि) को नाम से जानते हैं। लेकिन सियाचिन में मुझे दो बार 17,000 फुट की ऊंचाई पर जाने का मौका मिला।”
चुशूल में गुलाम नबी आजाद ने गुजारी थी रात
आजाद ने आगे कहा, “सियाचिन में जवानों के साथ भोजन करने का, फुटबॉल खेलने का भी अवसर मिला। चुशूल में आज से 30 साल पहले, जब मैं जूनियर मिनिस्टर था, बोटिंग करने का मौका मिला। फौजियों के साथ फिंगर 1, 2,3 देखने का अवसर मिला। श्रीनगर से चार दिन में जाकर मैं और राजीव गांधी चूशुल पहुंचे थे। बंकर में रात गुजारने का अवसर मिला। कश्मीर से हमारा जुड़ाव नागरिक होने के नाते आज से नहीं, जबसे पैदा हुए हैं तबसे है।”
कांग्रेस सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी चीन के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी है। आजाद ने कहा, “हमारा संपर्क फौज के साथ, देश की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने जो कुर्बानी दी है, हम उस कुर्बानी में बराबरी के साथ कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। देते भी रहेंगे, देंगे भी। अपनी पार्टी की तरफ से मैं ये कहूंगा कि हम चीन के मुद्दे को लेकर सरकार के साथ बराबर खड़े हैं। जहां वो थे इस अप्रैल तक, वहीं उनको वापस जाना चाहिए। यही हमारा प्रयास होना चाहिए।”
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