उज्जैन। भगवान महाकाल के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बाबा काल भैरव के दर्शन करने के लिए इस समय भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दो से ढाई घंटे लाइन में लगने के बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का प्यास, तपती धूप और बैरिकेट्स में फंसने के बाद बुरा हाल हो जाता है।
उज्जैन में महाकाल दर्शन के लिए इस समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। महाकाल लोक बनने के बाद वैसे तो हर दिन दो से ढाई लाख श्रद्धालु प्रतिदिन महाकाल दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सोमवार से सावन की शुरुआत होगी तब उज्जैन में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। उज्जैन आने वाले लाखों श्रद्धालु महाकाल दर्शन करने के बाद परंपरा अनुसार महाकाल के सेनापति बाबा काल भैरव के दर्शन अवश्य करते हैं। अभी भी रोज प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालु काल भैरव के दर्शन कर रहे हैं। लेकिन वर्तमान में काल भैरव मंदिर पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है। श्रद्धालुओं को व्यवस्थित दर्शन करने के लिए मात्र जिगजेग बनाकर बड़े बैरिकेट्स रख दिए गए हैं। मंदिर के अंदर प्रवेश करने तक सड़क पर लंबी लाइन में श्रद्धालु इन बैरिकेट्स में फंसकर बेहद परेशान हो रहे हैं। अंदर फंसा श्रद्धालु चाह कर भी बाहर नहीं निकल पाता है। दो से ढाई घंटे तक श्रद्धालु को इसी तरह चलना होता है। तेज धूप और बारिश से बचाव की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन श्रद्धालुओं को लाइन में लगने के बाद पीने का पानी भी नसीब नहीं होता है। मजबूरी में महंगे दामों पर पानी की बाटलें श्रद्धालु दुकानदारों को आवाज लगाकर लेते हैं । मंदिर प्रवेश द्वार के पास ही एक कमरा है जिसमे ताला लगा है। श्रद्धालुओं ने खाली बाटल इस कमरे में फेंक-फेंक कर इसे पूरी तरह भर दिया है। लेकिन मंदिर समिति द्वारा इसे भी खाली नहीं किया गया है। मंदिर में कोई बड़ी घटना मारपीट या अन्य खबरों के बाद जिला प्रशासन की टीम जांच के लिए पहुंचती जरूर है, दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं लेकिन श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है। राजस्थान के भीलवाड़ा से परिवार के साथ आए श्रद्धालु दिलीप परिहार ने बताया कि लाइन में लगने के बाद पानी की प्यास के कारण हाल ऐसा हो गया था कि मंदिर के अंदर प्रवेश के बाद पानी लेने के लिए वापस बाहर निकलना पड़ा, पानी पिया और बाहर से ही हाथ जोड़कर वापस जाना पड़ा। दर्शन भी नहीं हो सके। काल भैरव दर्शन करने के लिए छोटे बच्चों और परिवार के साथ जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved