जीएसटी कानून की जटिलता से परेशान व्यापारी…
इंदौर। जीएसटी कानून (GST law) जबसे लागू हुआ है तब से व्यापारी उसकी जटिलताओं से परेशान हैं। 5 करोड़ से अधिक के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) लेने के मामले में धारा 132 के तहत गिरफ्तारी और जेल भेजने के प्रावधान हैं, जिसमें जमानत भी आसानी से नहीं मिलती, जबकि हत्या के मामले में भी जमानत हो जाती है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट इंदौर ब्रांच (chartered accountant indore branch) ने दो दिवसीय रीजनल कान्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें कर सलाहकार, इससे जुड़े अभिभाषक और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, जिसमें जयपुर से आए अभिभाषक पंकज घीया ने कहा कि जीएसटी कानून (GST law) में कई कड़े प्रावधान किए हैं और कर चोरी यानी अपवंचन के मामले में तो गिरफ्तारी के भी प्रावधान हैं। ज्यादातर व्यापारी इसका उचित विरोध नहीं करा पाते, जिसके चलते विभाग के अधिकारी ही यह कहते हैं कि जब व्यापारी वर्ग को ही अधिक परेशानी नहीं है तो कर सलाहकार व अभिभाषक क्यों इन मुद्दों को उठाते हैं। जीएसटी अधिकारियों के पास धारा 70 में सिविल कोर्ट के समान अधिकार हैं और धारा 69 में पुलिस की तरह जिसमें करदाता को समन के जरिए बयान के लिए बुलाया जाता है। कई बार छोटी-सी चूक भी महंगी पड़ती है और विभागीय अधिकारी तिल का ताड़ बना देते हैं। इंदौर ब्रांच के अध्यक्ष सीए हर्ष फिरोदा का कहना है कि अब समय बदल गया। लिहाजा करदाता को बहुत सावधानी के साथ अपनी विवरणी दाखिल करना होगी।
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