भोपाल। प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) दिनों-दिन घट रहा है, लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है। अभी तो कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third wave) का खतरा बताया जा रहा है। इसलिए तीसरी लहर (Third wave) आए या नहीं आए, लेकिन इससे निपटने के लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली जाए। प्रदेश में ज्यादा जिलों में कोरोना नियंत्रण (Corona Control) में आ गया है, लेकिन 14 जिलों में अभी भी स्थिति चिंताजनक है। इन जिलों में रोजाना 200 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) तोडऩे के लिए सख्त उठाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कोरोना समीक्षा के दौरान अफसरों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर (Third wave) की तैयारी के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई जाये, जो यह अध्ययन करेगी कि प्रदेश में इसकी क्या संभावना है तथा इसके लिए क्या-क्या तैयारियाँ एवं व्यवस्थाएँ की जानी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन गाँवों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन (Content Zone) बनाकर कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को सख्ती से रोका जाए। गाँव-गाँव समितियाँ बनाई जायें तथा घर-घर सर्वे कर प्रत्येक मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार किया जाये। संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए गाँव-गाँव, शहर-शहर में किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत गाँवों में घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है।
इन जिलों में संक्रमण ज्यादा
प्रदेश के 14 जिलों में 200 से अधिक नए प्रकरण आ रहे हैं। इंदौर में 1753, भोपाल में 1576, ग्वालियर में 910, जबलपुर में 795, रतलाम में 380, उज्जैन में 370, रीवा में 309, शिवपुरी में 298, सतना में 242, नरसिंहपुर में 239, धार में 231, सागर में 231, सीहोर में 206 एवं सिंगरौली में 204 नये प्रकरण आये हैं। शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना के नए 11 हजार 708 प्रकरण आए। एक्टिव प्रकरणों की संख्या 95 हजार 423 है। पिछले 24 घंटे में 4815 मरीज स्वस्थ हुए हैं। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 19.4 प्रतिशत है एवं 12 हजार 270 औसत प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं।
लोग टाइफाइड न समझें
समीक्षा के दौरान यह सामने आया कुछ जिलों में लोग कोरोना को टाइफाइड मानकर उसका इलाज कर रहे हैं एवं इसके लिए झाड़-फूँक भी करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि कोरोना के इलाज में किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिये। थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है। लक्षण दिखने पर पहले दिन से ही उसका इलाज कराया जाए, अँधविश्वास में बिल्कुल न रहें।
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