स्मोकिंग का शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे शरीर में फेफड़ों का कैंसर(lung cancer) दिल की बीमारी, एम्फाइज़िमा या फिर अन्य तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। औसतन स्मोकिंग (Smoking) ना करने वालों की तुलना में स्मोकिंग करने वालों की मौत भी जल्दी हो जाती है। कुछ लोग लाख कोशिशों के बाद भी स्मोकिंग करना नहीं छोड़ पाते हैं और इसके पीछे उनकी कुछ गलतफहमियां हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
अच्छी आदतों से स्मोकिंग का खतरा कम
मेरी बाकी अच्छी आदतों से स्मोकिंग का खतरा कम हो जाएगा- स्मोक करने वाले कई लोग इस बात का तर्क देते हैं कि उनके सही न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज की आदत उन्हें स्वस्थ रखने के लिए काफी है। जबकि ऐसा नहीं है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हेल्दी खानपान और एक्सरसाइज किसी भी तरह से स्मोकिंग से होने वाले सेहत के खतरे को कम नहीं करती है। CDC के साइंटफिक एडवाइजर प्रोफेसर एन एम मलार्चर का कहना है, ‘स्मोकिंग शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है और परफेक्ट लाइफस्टाइल से स्मोकिंग का असर कम हो जाएगा, ये सिर्फ एक मिथ्या है।’ भले ही आप एक दिन में कितना भी विटामिन क्यों ना ले लें, ये तंबाकू के जानलेवा असर को कम नहीं कर सकता है।
लाइट सिगरेट कम खतरनाक है
लाइट सिगरेट कम खतरनाक है- कई लोग सिगरेट (cigarette) के दुष्प्रभावों से बचने के लिए लाइट सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि लाइट सिगरेट पीने से खतरा कम है और वो इसे ज्यादा मात्रा में पीना शुरू कर देते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि लाइट सिगरेट पीने वालों के भी शरीर में तंबाकू की उतनी ही जानलेवा मात्रा जाती है। लाइट सिगरेट पीने वाले लोगों में फेफड़ों का कैंसर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक (heart attack) की संभावना बढ़ जाती है। नेचुरल या ऑर्गेनिक के नाम से बिकने वाले सिगरेट भी आम सिगरेट जितने ही खतरनाक हैं।
स्मोकिंग छोड़ने से तनाव होगा
स्मोकिंग छोड़ने से तनाव होगा जो सेहत के लिए नुकसानदायक है- ये बात सच है कि तंबाकू छोड़ने की प्रक्रिया में एक तरह के तनाव से गुजरना पड़ता है। हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि इस तनाव का कोई नकारात्मक असर पड़ता है। बल्कि रिसर्च में ये बात आ चुकी है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद लोगों की खाने की आदत में सुधार आता है, वो ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं और खुद के बारे में बेहतर महसूस करते हैं।
स्मोकिंग छोड़ने से वजन बढ़ना
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि स्मोकिंग छोड़ने की प्रक्रिया में थोड़ा वजन बढ़ना (gaining weight) स्वाभाविक है। वजन कितना भी बढ़े, ये सिगरेट से होने वाले खतरों की तुलना में बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता है।
स्मोकिंग को अचानक ही छोड़ा जा सकता है
स्मोकिंग को अचानक ही छोड़ा जा सकता है- कुछ धूम्रपान करने वालों को लगता है कि अचानक सिगरेट पीना बंद कर देने से स्मोकिंग की आदत छूट जाएगी। सिगरेट छोड़ने में इच्छाशक्ति बहुत मायने रखती है लेकिन इसके अलावा आपको और भी चीजें करने की जरूरत होगी। जैसे कि अगर आप काउंसलिंग का सहारा लेते हैं और डॉक्टर से संपर्क कर निकोटिन छोड़ने वाली कुछ दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो स्मोकिंग छोड़ने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।
कम सिगरेट पीना कम खतरनाक है
कुछ लोगों को लगता है कि सिगरेट कम पीने से उनकी सेहत को कम नुकसान होगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को इस गलतफहमी से दूर रहने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि भले ही आप कम सिगरेट पीते हो लेकिन आपके शरीर में उतनी ही मात्रा में जहर जा रहा है। डेटा से पता चलता है कि काउंसलिंग के जरिए सिगरेट छोड़ना ज्यादा प्रभावी है।
सिगरेट पीने से सिर्फ मेरा नुकसान
सिगरेट पीने से सिर्फ मेरा नुकसान- सिगरेट का धुआं आपके आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक हर साल लाखों लोगों की मौत सेकेंड हैंड स्मोक से होती है। एक अनुमान के मुताबिक स्मोक बार में काम करने वाले वेटर या वेट्रेस के शरीर में भी उतना ही जहरीला धुआं अंदर जाता है जितना कि स्मोकिंग करने वालो में।
नाकाम कोशिश
कोशिश करने के बाद भी नहीं छूट रही सिगरेट तो कोशिश का क्या फायदा- कई लोग स्मोकिंग छोड़ने की बहुत कोशिश करते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे में आपको कोशिश करनी नहीं छोड़नी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर बार कोई व्यक्ति जब सिगरेट छोड़ने की कोशिश करता है तो वो कुछ ना कुछ नया सीखता है जो उसके अगले कोशिश में काम आ सकती है । बार-बार सिगरेट छोड़ते रहने की आदत से आप इसे छोड़ने का सही तरीका समझ जाते हैं। इसलिए सिगरेट छोड़ने की कोशिश कभी ना छोड़ें ।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर का परामर्श जरूर लें ।
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