नई दिल्ली। भारत हाल ही में दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन गया है। इसका मजाक उड़ाते हुए जर्मनी की पत्रिका डेर स्पीगल ने एक कार्टून छापा है। कार्टून के जरिए भारत की जनसंख्या को चीन से आगे निकलते हुए दिखाया गया है। इस पर भारतीय मंत्री भड़क उठे हैं। उन्होंने इसे नस्लवादी बताया है।
भारतीय ट्रेन को दिखाया जर्जर
कार्टून में दो ट्रेन दिखाई गई हैं। एक तरफ जहां लोगों से खचाखच भरी हुई जर्जर पुरानी भारतीय रेलगाड़ी को दिखाया गया है, जिसके ऊपर भारतीय तिरंगा लिए लोग बैठे हैं। वहीं, एक अलग ट्रैक पर चीन की बुलेट ट्रेन दिखाई दे रही है, जिसमें महज दो चालक बैठे हुए हैं। इस कार्टून के जरिए चीन की तकनीकी प्रगति को दिखाया गया है, जबकि भारत को चरमराते हुए इंफ्रास्टक्चर के साथ पेश किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है। जबकि चीन की आबादी 142.57 करोड़ है।
जर्मनी से बड़ी होगी अर्थव्यवस्था
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी से बहुत बड़ी होगी। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रिय कार्टूनिस्ट डेर स्पीगल भारत का मजाक उड़ाने के आपके प्रयास के बावजूद पीएम मोदी के तहत भारत के खिलाफ दांव लगाना स्मार्ट नहीं है, कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी से बड़ी होगी।
हालांकि कुछ भारतीयों ने इस कार्टून को सही बताया है। उनका कहना है कि यह सच है कि त्योहारों के दौरान लाखों भारतीय घर जाते हैं, तो कुछ ट्रेनें इस कार्टून की तरह ही दिखती हैं।
👋🏽#Germany this is outrageously racist. @derspiegel caricaturing India in this manner has no resemblance to reality. Purpose is to show #India down and suck up to #China.
This is as bad if not worse than the racist cartoon in @nytimes lampooning India’s successful Mars mission. pic.twitter.com/z9MxcPQC7u— Kanchan Gupta 🇮🇳 (@KanchanGupta) April 23, 2023
चीन के आगे झूक रहा जापान
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने भी इस कार्टून की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह बेहद नस्लवादी है। डेर स्पीगल द्वारा भारत को इस तरह चित्रित करना वास्तविकता से कोई समानता नहीं रखता है। इसका मकसद भारत को नीचा दिखाना और चीन के आगे झुकना है। उन्होंने आगे लिखा कि यह न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित भारत के सफल मंगल मिशन का मजाक उड़ाने वाले नस्लवादी कार्टून से भी बुरा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved