इंदौर (Indore)। शहर के 595 कुएं-बावडिय़ों की जियो टैगिंग करने के साथ-साथ अब नगर निगम ने इसकी पूरी जानकारी का रिकार्ड एनजीटी को भेजा है। पिछले दिनों एनजीटी ने पत्र जारी कर कुएं-बावडिय़ों और वहां अतिक्रमण की स्थिति पर निगम से जवाब मांगा था। बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे के बाद कुएं-बावडिय़ों के संरक्षण को लेकर एनजीटी के अधिकारियों ने निगम से उस दौरान मामले की जानकारी मंगाई थी। कुछ दिनों पहले ही एनजीटी के सदस्य इंदौर आए थे, जिन्होंने निगम अफसरों के साथ बैठक कर कुएं-बावडिय़ों की स्थिति पर समीक्षा की थी। इसके बाद निगम ने शहर के 595 कुएं-बावडिय़ों पर जियो टैगिंग का काम पूरा कर लिया था।
झोनलों और जल यंत्रालय की टीमों द्वारा यह काम किया गया था, जिसमें कुएं-बावडिय़ों की जानकारियां भी दर्ज की गई थीं और आसपास के कब्जों और अतिक्रमण को लेकर भी स्थिति बताई गई। अधिकारियों के मुताबिक अब यह रिपोर्ट निगम द्वारा एनजीटी को भेजी जा चुकी है। कुछ कुएं-बावडिय़ों के आसपास कब्जे हैं, लेकिन उन्हें हटाने का अभियान विभिन्न कारणों के चलते फिलहाल रोक दिया गया है। निगम और प्रशासन की टीम ने बेलेश्वर महादेव मंदिर हटने के बाद कुएं-बावडिय़ों के कब्जों को हटाने की शुरुआत की थी, लेकिन दो दिन बाद यह मुहिम बंद करना पड़ी थी।
कुएं-बावडिय़ों की संख्या को लेकर असमंजस भी
झोनलों और कुछ अन्य विभागों की टीमों की मदद से निगम ने कुछ दिनों पहले ही सर्वे कराया था, जिसमें 595 कुएं-बावडिय़ों के शहर के अलग-अलग स्थानों पर होने की जानकारी मिली थी। इन टीमों में बीओ के साथ-साथ अन्य अधिकारी थे, जबकि कई अधिकारियों का मानना है कि शहर में 595 कुएं-बावडिय़ों का आंकड़ा कम है। इससे कहीं ज्यादा कुएं-बावडिय़ां हैं, जिनका सर्वे ठीक ढंग से नहीं हो पाया है।
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