नई दिल्ली । दक्षिणी कमान के दो दिवसीय दौरे पर निकले भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पुणे स्थित मुख्यालय का दौरा किया। उन्हें कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने विभिन्न परिचालन और प्रशिक्षण संबंधी मुद्दों पर जानकारी दी। जनरल नरवणे ने पुणे सैन्य स्टेशन में नए कमांड अस्पताल का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से उबरने के राष्ट्रीय प्रयास में सेना की प्रतिबद्धता को दोहराया।
जनरल नरवणे ने अपने मुख्यालय दक्षिणी कमान के दौरे में सेना के कमांडर के साथ विभिन्न संचालनात्मक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कोविड और बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उच्च प्रशासन की तत्परता बनाए रखने और नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने के लिए सैनिकों की सराहना की। जनरल ने पुणे में नए मल्टी स्पेशलिटी कमांड अस्पताल का उद्घाटन किया। यह एक बहु विशेषता वाला अस्पताल है, जो सशस्त्र बलों के परिचालन क्षेत्रों और सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए केंद्रित है। इससे सैनिकों, उनके परिवारों और वरिष्ठ अधिकारियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा मिलेगी। दक्षिणी कमान के सीओएस लेफ्टिनेंट जनरल डीएस आहुजा ने उन्हें परियोजना निगरानी समूह के अध्यक्ष के रूप में अस्पताल के बारे में जानकारी दी।
सेना प्रमुख को इस वर्ष प्रायद्वीपीय भारत में विभिन्न मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में दक्षिणी कमान के सैनिकों के योगदान पर अपडेट दिया गया। विशेष रूप सेकोविड-19 और बाढ़ के दौरान नागरिक प्रशासन को प्रदान की गई सहायता के बारे भी जानकारी दी गई। जनरल नरवणे ने कोविड-19 महामारी के बावजूद तत्परता और प्रशिक्षण का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए दक्षिणी कमान की सराहना की। उन्होंने सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए की गई विभिन्न पहलों और कल्याणकारी परियोजनाओं की भी सराहना की। उन्होंने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से उबरने के राष्ट्रीय प्रयास में सेना की प्रतिबद्धता को दोहराया।
जनरल नरवणे ने पासन में आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डीआरडीओ के महानिदेशक से मुलाकात की। उन्हें एटीएजी, जेवीपीसी, अर्जुन टैंक गोला-बारूद, पुल, यूजीवी और उच्च ऊर्जावान सामग्री आधारित सामरिक हथियारों की तत्परता के बारे में जानकारी दी गई। पुणे स्थित डीआरडीओ प्रयोगशालाओं आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीए), अनुसंधान और विकास स्थापना (इंजीनियर्स) और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) की टीमों को आयुध उत्पादों और प्रणालियों के विकास में उनके योगदान के लिए बधाई दी।
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