नई दिल्ली । सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) इस महीने के अंत तक सेवानिवृत्त (retired) होने वाले हैं। उनका नाम देश के दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद के लिए सबसे आगे है। उनकी जगह थल सेनाध्यक्ष का पद वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Manoj Pandey) संभालेंगे। जनरल नरवणे इस समय तीन दिवसीय यात्रा पर सिंगापुर गए हैं। उन्होंने पहले दिन क्रांजी युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके सिंगापुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का 08 दिसम्बर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन होने के बाद से रिक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को सौंपा गया है। दरअसल, भारतीय वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर को और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर को अपने-अपने पद संभाले थे। नरवणे को इस पद का प्रभार मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ होने के कारण दिया गया है। देश में सीडीएस का पद सृजित किए जाने से पहले तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ को ही चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता था।
सीडीएस जनरल रावत का निधन होने के बाद से ही सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) पद के लिए जनरल नरवणे का नाम ही सबसे आगे चल रहा था। सीएससी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के बाद से ही जनरल नरवणे को औपचारिक रूप से देश का अगला सीडीएस बनाए जाने के संकेत दिए गए थे। अब सेवानिवृत्ति से पहले देश के अगले सीडीएस के रूप में जनरल नरवणे के नाम का औपचारिक रूप से ऐलान हो सकता है। सीमा पर चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नए सीडीएस की नियुक्ति करने के लिए जनरल रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के चंद घंटों के बाद हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 28वें सेना प्रमुख के रूप में 31 दिसंबर, 2019 को कार्यभार संभाला था। वे इसी माह के अंतिम दिन (30 अप्रैल) को सेवानिवृत्त होंगे, इसलिए बतौर भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे की सिंगापुर यात्रा अंतिम मानी जा रही है। जनरल नरवणे ने आज क्रांजी युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके सिंगापुर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा शुरू की है। वह इस यात्रा के दौरान सिंगापुर के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ गण्यमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करके भारत-सिंगापुर रक्षा संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। वह इन्फैंट्री गनरी टैक्टिकल सिमुलेशन एंड वारगेम सेंटर, रीजनल एचएडीआर कोऑर्डिनेशन सेंटर, इंफो फ्यूजन सेंटर और चांगी नेवल बेस का भी दौरा करेंगे।
सेना के 43वें वाइस चीफ की कुर्सी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने 01 फरवरी, 2022 को संभाली थी। इससे पहले उन्हें दिसंबर, 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बाम्बे सैपर्स) में नियुक्त किया गया था। वह स्टाफ कॉलेज, किम्बरली (यूनाइटेड किंगडम) से ग्रेजुएट हैं। उन्होंने आर्मी वार कालेज महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में हायर कमांड कोर्स में भाग लिया। देश के लिए अपनी 37 वर्षों की विशिष्ट सेवा के दौरान पांडे ने ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया है। जनरल पांडे ने पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में एक माउंटेन डिवीजन और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ उत्तर-पूर्व में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस क्षेत्र में भी एक कोर की तैनाती की कमान संभाली है। अब उन्हें देश के 29वें सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किये जाने की तैयारी है, जिसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
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