नई दिल्ली । भारतीय सेना प्रमुख (Indian Army Chief) जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) 42 साल की सेवा के बाद (After 42 years of Service) शनिवार को (On Saturday) सेवानिवृत्त हो गए (Retires) । सेनाध्यक्ष (सीओएएस) की नियुक्ति को त्यागने के अवसर पर उन्हें साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, (जिन्होंने पहले जनरल नरवने के साथ बैठक की) ने कहा, “सेना प्रमुख, जनरल एमएम नरवने के साथ एक अद्भुत बैठक हुई, जो 42 साल तक देश की सेवा करने के बाद आज सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। उनका योगदान एक सैन्य नेता के रूप में भारत की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को मजबूत किया है। मैं उनके भविष्य के प्रयासों में उनकी सफलता की कामना करता हूं।” जनरल नरवणे ने अपनी पत्नी वीना नरवणे के साथ राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद से भी मुलाकात की।
2019 में सीओएएस के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद, भारत और चीन लद्दाख की गलवान घाटी में आमने-सामनेथे, जहां भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गये थे।जनरल नरवणे को जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन दिया गया था। उन्होंने कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान संभाली थी, असम राइफल्स में सेवा दी थी और ‘ऑपरेशन पवन’ के दौरान श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का हिस्सा रहे हैं।
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