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जनरल मनोज पांडे ने संभाली भारतीय सेना की कमान, कहा- चुनौतियां बहुत, पर हम निपटने को तैयार

May 01, 2022

नई दिल्ली: जनरल मनोज पांडे ने आज भारतीय थल सेना की कमान संभाल ली. साउथ ब्लॉक में इन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. यह पहली बार था जब इस मौके पर भारतीय वायुसेना और नौसेना के प्रमुख थल सेना प्रमुख मौजूद रहे. भारतीय थल सेना की कमान संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे ने कहा कि देश की रक्षा सबसे ऊपर है. हम हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं अन्य दो सेना प्रमुखों को अच्छी तरह से जानता हूं. यह तीनों सेवाओं के बीच तालमेल, सहयोग और संयुक्तता की अच्छी शुरुआत है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम तीनों मिलकर काम करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए चीजों को आगे बढ़ाएंगे.’

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे लिए ये बेहद गर्व का पल है और सम्मान की बात है कि मुझे भारतीय थल सेना का नेतृत्व करने का मौका मिला है. देश की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने में सेना का बहुत योगदान है. मैं देशवासियों को आश्वासन देने चाहता हूं कि भारतीय थल सेना अपने इस काम को आगे भी जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि विश्व में भू-राजनैतिक स्थिति बदल रही है. हमारे सामने कई तरह की चुनौती है, लेकिन उन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय थल सेना पूरी तरह तैयार है. जनरल मनोज पांडे ने कहा कि तीनों सेनाएं एक दूसरे के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगी.


अपने करियर में, जनरल मनोज पांडे पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. थल सेना प्रमुख बनने से पहले वह पूर्वी सैन्य कमान का नेतृत्व कर रहे थे. य​ह सैन्य कमान सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की रखवाली करती थी. सबसे पहले दिसंबर 1982 में उन्हें कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था.

जनरल मनोज पांडे स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया है. अपनी 4 दशक की सैन्य सेवा में वह ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भाग ले चुके हैं. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं. वह भारतीय थल सेना प्रमुख बनने वाले इंजीनियरिंग कोर के पहले अधिकारी हैं.

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