कोलकाता। सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा कि भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के मामले में 2 साल के भीतर चीन की बराबरी कर लेगा। फोर्ट विलियम्स स्थित पूर्वी कमान के मुख्यालय पर बुधवार को कलिता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हुआ है।
31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे कलिता ने कहा, अभी बहुत काम करना बाकी है, क्योंकि फिलहाल चीन को सीमा पर बेहतर बुनियादी ढांचे का आंशिक लाभ मिलता है। हालांकि, भारत में सीमा पर जिस गति से काम चल रहा है, उसे देखते हुए अगले 2 वर्ष में हम बुनियादी ढांचे के लिहाज से चीन की बराबरी कर लेंगे।
ले.जनरल ने कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत का बुनियादी ढांचा नागरिक और सेना दोनों के लिए उपयोगी है। वहीं, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में एक सवाल पर कलिता ने कहा कि सीमा चौकियों तक सड़क कनेक्टिविटी, दूरदराज के क्षेत्रों में डेटा संचार और मोबाइल कनेक्टिविटी, हेलीपैड और हवाईअड्डे सूची में सबसे ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भूस्खलन, बर्फबारी और हिमस्खलन का खतरा होने के कारण, हमें बड़े पैमाने पर हेलीपैड और एएलजी (उन्नत लैंडिंग ग्राउंड) भी बनाने होंगे।
उन्होंने कहा कि सीमा के विस्तार के कारण और इन क्षेत्रों में भूस्खलन, बर्फ और हिमस्खलन का खतरा होने के कारण, हमें बड़े पैमाने पर हेलीपैड और एएलजी (उन्नत लैंडिंग ग्राउंड) पर निर्भर रहने की आवश्यकता है। कालिता ने कहा कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वैकल्पिक सड़क संपर्क बनाने की योजना बनाई जा रही है। पूर्वी सेना के कमांडर ने कहा, सशस्त्र बलों ने आपसी तालमेल से कई अभियान चलाए हैं और पिछले पांच-छह महीनों में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं
इसी वर्ष उत्तरी सिक्किम 4 अक्तूबर को तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद 10 दिन के लिए पूरे देश से कटा रहा। यह क्षेत्र चीन, नेपाल और भूटान के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। इस लिहाज से यहां वैकल्पिक मार्ग विकसित किए जा रहे हैं।
पूर्वोत्तर में शांति बहाली को लेकर कलिता ने कहा कि म्यांमार में अस्थिरता आॡ्र मणिपुर में नागरिक समूहों तक हथियारों की पहुंच होना चिंता की बात है। म्यांमार के सैन्य शासकों और प्रतिद्वंद्वी बलों के बीच संघर्ष भारत की सीमा के करीब के क्षेत्रों में फैल गया है।
पूर्व कमान के कमांडर ने कहा, जब दो विरोधी गुटों के पास हथियार मौजूद हों, तो कभी भी अशांति पैदा हो सकती है। मणिपुर में कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के पास पुलिस से चुराए गए और म्यांमार से लाए गए हथियार मौजूद हैं, जो चिंताजनक बात है। हमें उन सभी हथियारों को बरामद करने की आवश्यकता है जो पुलिस शस्त्रागार से चोरी किए गए थे या जो विभिन्न स्रोतों से लोगों को उपलब्ध कराए गए थे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज सभी प्रकार के हथियारों से मुक्त रहे।
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