कैलिएंटे। वेनेजुएला में रविवार को आम चुनाव के लिए मतदान होने हैं। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपनी कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में मतदान से पहले वह सेना का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
घास फूस वाले गैस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर हल्के हरे रंग के कपड़े पहने युवा और महिलाएं मादुरो के विरोधियों की रैली से लौट रहे वाहनों को रोकते हैं। यात्रियों से उनकी पहचान पूछते हैं और उनकी कारों, ट्रकों और मोटरसाइकिलों का निरीक्षण करते हैं। इस तरह मतदान से पहले बड़े मैदानों, ऊंचे जंगली इलाकों और समुद्र तट पर ऐसी चौकियों की संख्या बढ़ गई है। जिनका मकसद सरकार के आलोचकों को डराना और कभी-कभी उन्हें हिरासत में लेना है। इस दौरान अक्सर अकेले यात्रा कर रहे लोगों से छोटी रिश्वत लेना भी शामिल है।
एक सैनिक विपक्षी नेता मारिया कोरिया मचाडो के बारे में यात्रियों से पूछता है, “क्या वह महिला आई? क्या वहां बहुत सारे लोग थे?” एक दूसरा सिपाही उनसे फुसफुसाते हुए कहता है, यहां कोई वाई-फाई तो नहीं है।
मुदरो ने साल 2013 में सत्ता संभाली। उन्होंने सरकारी नौकरियों और प्रमुख उद्योगों को नियंत्रित करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मानित किया। यही नहीं, उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सैनिको तैनात करने में भी कोई संकोच नहीं किया। अब जब मादुरो की पकड़ सत्ता पर ढीली पड़ रही है तो सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडर अपनी वफादारी दिखाने के लिए पहले से कहीं अधिक मेहनत कर रहे हैं।
हाल के दिनों में मादुरो 25 हजार पुलिस अधिकारियों के एक समारोह में भाग लेते हुए सरकार के नियंत्रण वाले टेलीविजन चैनल पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों के दंगा भड़काने के प्रयासों को रोकने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने दर्जनों अधिकारियों को पदोन्नत भी किया और अपने सबसे लंबे समय तक रक्षा मंत्री रहे व्लादिमीर पाडरिनो लोपेज को सम्मानित किया।
मादुरो ने इस महीने एक रैली में कहा, वेनेजुएला का भविष्य हमारी जीत पर निर्भर करेगा। अगर हम फासीवादियों द्वारा शुरू किए गए खून खराबा और गृह युद्ध से बचना चाहते हैं तो हमें अब तक की सबसे बड़ी चुनावी जीत की गारंटी देनी होगी। शीर्ष नेतृत्व मादुरो के साथ मजबूती से खड़ा है। वह वोट पाने के लिए अपनी पारंपरिक तरीकों को अपनाने के बजाय विपक्षी नेताओं पर कीचड़ उछालने में जुटा है।
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