अयोध्यापुरी के लिए भंग पड़ी देवी अहिल्या संस्था की आम सभा 17 मार्च को प्रशासन ने करवाई आहूत
इंदौर। भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने और पीडि़तों को कब्जे दिलवाने की कार्रवाई के चलते बड़ी संख्या में खरीदी गई अवैध जमीनें रसूखदारों द्वारा सरेंडर करवाई जा रही है, जिसमें सबसे अधिक अयोध्यापुरी की 2 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीनें अभी तक सरेंडर हो चुकी है। वहीं मजदूर पंचायत और श्रीराम गृह निर्माण की जमीनें भी सरेंडर हुई है। अयोध्यापुरी में भूखंडों के कब्जे दिलवाने की प्रक्रिया के चलते अब भंग पड़ी इसकी संस्था देवी अहिल्या श्रमिक कामगार की 17 मार्च को आमसभा प्रशासन ने आहुत करवाई है, जो कि दोपहर साढ़े 12 बजे रविन्द्रनाट्यगृह में होगी। इसमें मुख्य रूप से सरेंडर हो चुकी जमीनों की रजिस्ट्रियां शून्य करवाने के लिए ठहराव प्रस्ताव पारित कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं इसके पश्चात मजदूर पंचायत और न्याय नगर की आम सभा भी सहकारिता विभाग बुला रहा है।
यह पहला मौका है जब 10 दिनों के भीतर ही 4 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक संस्थाओं की जमीनें सरेंडर हो गई है, जो भूमाफियाओं ने रजिस्ट्री किए हुए भूखंडों के बड़े-बड़े टुकड़े बेच डाले थे। इसमें श्रीराम गृह निर्माण की भी 10 एकड़ जमीन के अलावा मजदूर पंचायत और देवी अहिल्या श्रमिक कामगार की अयोध्यापुरी में बिकी जमीनें प्रमुख रूप से शामिल है। हालांकि इनमें से कई जमीनों के प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं, लेकिन खरीददारों ने इन जमीनों को सरेंडर नहीं किया था। पिछले दिनों सेटेलाइट ग्रुप, केएस सिटी, शैलबाला जैन व अन्य के अलावा पूजा पति आशीष डोसी व अमरजीत की जमीनें भी सरेंडर हो गई। वहीं श्रीराम नगर की मिरांडा इंटरप्राइजेस को बिकी 5 एकड़ जमीन भी सरेंडर हुई है। 500 करोड़ रुपए से अधिक की जमीनें शुरुआत में ही कलेक्टर मनीष सिंह की सख्ती के चलते सरेंडर हो चुकी है। वहीं अयोध्यापुरी के लोगों ने अपने भूखंडों पर कब्जे कर बाउण्ड्रीवाल भी बना ली है। सहकारिता विभाग के उपायुक्त मदन गजभिये के मुताबिक देवी अहिल्या श्रमिक कामगार की आमसभा 17 मार्च को बुलाई गई है। इसमें अयोध्यापुरी की जो जमीनें सरेंडर हुई है उस संबंध में ठहराव प्रस्ताव पारित होंगे। अभी संस्था भंग पड़ी है, जिस पर रिसीवर नियुक्त है। सरेंडर हुई जमीनों की रजिस्ट्रियां चूंकि कोर्ट से विधिवत शून्य होंगी, उसके लिए प्रस्ताव आमसभा से मंजूर कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अयोध्यापुरी में अभी सिम्प्लैक्स मेगा फाइनेंस की 4 एकड़ जमीन सरेंडर नहीं हुई है, जिसके मामले में पुलिस-प्रशासन ने सुरेन्द्र-प्रतीक संघवी, दीपक मद्दे सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। वहीं इसके पश्चात मजदूर पंचायत और न्याय नगर की आम सभाएं भी बुलाई जाएगी, ताकि उनकी सरेंडर जमीनों के संबंध में भी विधिवत प्रस्ताव मंजूर करवाए जा सकें। दूसरी तरफ अयोध्यापुरी में वैध रजिस्ट्रियों की जांच-पड़ताल भी शुरू हो गई है। इसमें एक गड़बड़ी यह भी सामने आ रही है कि कुछ रसीदों के आधार पर अवैध रूप से रिसीवर ने भी रजिस्ट्रियां कर दी हैं। मनोज श्रीवास्तव और सत्येन्द्र कुमार ओझा, इन दोनों रिसीवरों द्वारा कुछ रजिस्ट्रियां भूमाफियाओं के इशारों पर करवाई गई है, जबकि रिसीवर को रजिस्ट्री करवाने का अधिकार ही नहीं है। इस तरह के 56, 57 नम्बर के भूखंड सहित अन्य पर ये रजिस्ट्रियां हुई हैं। इस संबंध में अब मूल रसीद मालिकों द्वारा भी भूखंडों की मांग की जा रही है, जबकि इसके एवज में रिसीवरों से अन्य भूखंडों पर रजिस्ट्रयां करवा ली गई।
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