जैसलमेर। राजस्थान के सियासी संग्राम में रोज नई घटनाएं सामने आ रही हैं। गहलोत खेमें के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया गया है। वहीं इस दौरान आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति भी तेज हो गई है। शनिवार को जैसलमेर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खेल खेल रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान में चल रहे इस ‘तमाशे’ को बंद करवाने की अपील की।
गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “दुर्भाग्य से इस बार बीजेपी का प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त का खेल बहुत बड़ा है। वह कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश का प्रयोग यहां कर रही है। पूरा गृह मंत्रालय इस काम में लग चुका है। उन्होंने कहा, वो कहते हैं, हमें किसी की परवाह नहीं, हमें लोकतंत्र की परवाह है। हमारी लड़ाई किसी से नहीं है, हमारी लड़ाई विचारधारा, नीतियों एवं कार्यक्रमों की लड़ाई है, लड़ाई यह नहीं होती कि आप चुनी हुई सरकार को गिरा दें। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, हमारी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है।
सीएम गहलोत ने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री के रूप दूसरी बार जनता ने मौका दिया जो बड़ी बात है। उन्हें चाहिए कि राजस्थान में जो कुछ तमाशा हो रहा है उसे बंद करवाएं। उन्होंने कहा, मोदी जी को प्रधानमंत्री होने के नाते चाहिए कि राजस्थान में जो कुछ भी तमाशा हो रहा है उसे बंद कराएं, हॉर्स ट्रेडिंग के रेट बढ़ गए हैं। जैसे ही विधानसभा सत्र की घोषणा हुई इन्होंने और रेट बढ़ा दिए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा सरकार के खिलाफ ट्वीट किए जाने के बारे में गहलोत ने कहा कि सिंह तो अपनी झेंप मिटा रहे हैं जबकि आडियो टेप मामले में उन्हें नैतिकता के आधार पर खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके नेतृत्व से नाराज होकर अलग होने वाले सचिन पायलट एवं 18 अन्य कांग्रेस विधायकों की वापसी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला पार्टी आलाकमान को करना है और अगर आलाकमान उन्हें माफ करता है तो वे भी बागियों को गले लगा लेंगे।
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