जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार को जनमत के सामने घुटने टेकने पड़े और उसे पंचायतीराज के भुगतान की पी.डी. खातों की प्रणाली को रोककर पुरानी व्यवस्था को कायम रखना पड़ा।
डॉ. पूनियां ने आज जारी बयान में कहा कि पिछले दिनों पूरे राज्य में सरपंचों ने ग्राम पंचायतों पर तालाबंदी कर राज्य सरकार के इस तुगलकी फरमान का विरोध किया था, इसको लेकर हमने पहले ही कहा था कि इस तुगलकी फरमान से ग्रामीण विकास के काम ठप होंगे, पंचायतीराज की वित्तीय स्वायत्तता खत्म होगी।
इस किस्म से गहलोत सरकार ने ग्राम पंचायतों पर पहरा बिठाने का कार्य किया था, लिहाजा अब जनमत के आगे जनविरोधी गहलोत सरकार को घुटने टेकने पड़े। डॉ. पूनियां ने कहा कि हमने गहलोत सरकार से पहले ही आग्रह किया था कि यह आदेश ग्राम पंचायतों के विकास के हित में वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब यह साबित हो गया कि हिलती-डुलती, लुंज-पुंज गहलोत सरकार नैतिक रूप से भी कमजोर हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि 21 जनवरी, 2021 को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पी.डी. खाते खोले जाने से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए यह आदेश वापस लेने का आग्रह किया था। गहलोत सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में भुगतान के लिए पी.डी. खाता प्रणाली लागू कर दी थी, प्रदेशभर के सरपंचों द्वारा विरोध करने पर अब सरकार ने ग्राम पंचायतों में वित्तीय लेन-देन के लिए पुरानी व्यवस्था पुन: लागू कर दी है।
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