वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर First Deputy Managing Director of IMF (FDMD) जियोफ्रे ओकामोटो (Geoffrey Okamoto) अगले साल अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे देंगे और इनकी जगह प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) लेंगी। गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) अपना यह पद 21 जनवरी 2022 से संभालेंगी। IMF की ओर से गुरुवार को यह एलान किया गया।
गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के रिसर्च पेपर्स कई मूर्धन्य इकोनॉमिक्स जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। IMF के Chief Economist बनने से पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग में International Studies and Economics की प्रोफेसर थीं।
IMF ने आज कहा कि पहले FDMD ओकामोटो अगले साल की शुरुआत में फंड से हट जाएंगे और उनकी जगह IMF की चीफ इकोनामिस्ट के तौर पर कार्यरत गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) लेंगी। हालांकि अक्टूबर में IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टैलिना जियोर्जिवा ने बताया था कि चीफ इइकोनामिस्ट र रिसर्च डिपार्टमेंट की डायरेक्टर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) जनवरी 2022 में IMF छोड़ना चाहती हैं और वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इकोनामिक्स डिपार्टमेंट में लौटना चाहती हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपवाद के आधार पर गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) की अनुपस्थिति से जुड़ी छुट्टियां एक साल के लिए बढ़ा दी थी। इसी की बदौलत वह IMF में तीन साल तक चीफ इकोनॉमिस्ट के पद से जुड़ी रहीं। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) द्वारा दिए गए योगदान की चर्चा की और कहा कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहल किए हैं। IMF ने बताया कि उन्होंने ‘पैंडेमिक पेपर’ में अपना महत्वपूर्ण योगदान किया, जिसमें उल्लेख है कि कोरोना महामारी को कैसे समाप्त किया जा सकता है और इसी के आधार पर विश्व भर में वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय किया गया। इसके आधार पर आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, डब्ल्यूटीओ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में मल्टीलेटरल टास्क फोर्स तैयार किया गया। इस टास्क फोर्स का उद्देश्य महामारी का अंत और वैक्सीन निर्माताओं के साथ एक ऐसे कार्यकारी समूह का गठन करना था, जो कारोबारी तथा आपूर्ति में आने वाली बाधाओं की पहचान करे और निम्न तथ निम्न-मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन की डिलिवरी में तेजी लाए।