– डिजिटल भुगतान से आर्थिक वृद्धि के बेहतर आकलन में मिलेगी मदद
– ग्राहकों को डिजिटल तरीके से पेंमेंट के लिए प्रोत्साहित करें कर पेशेवर
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटलीकरण बढ़ने से देश की आर्थिक वृद्धि के बेहतर आकलन में मदद मिलेगी। उन्होंने कर पेशेवरों से अपने ग्राहकों को डिजिटल तरीके से भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। सीतारमण ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैकस प्रैक्टिसनर्स द्वारा अयोजित राष्ट्रीय कर सम्मेलन में ये बातें कही।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में जिस दल की भी सरकार हो, वह कर दायरा बढ़ाने का प्रयास करती है। कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास के साथ कर बोझ कम करती है। उन्होंने कहा कि कर पेशेवर, करदाताओं द्वारा समय पर अनुपालन सुनिश्चित कर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई बहुत छोटी राशि है, तो उसके लिए डिजिटल तरीका नहीं अपनाया जा सकता, तो कोई बात नहीं। लेकिन, डिजिटल तरीके से भुगतान करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे हर लेन-देन नोटिस में आता है।
सीतारमण ने कहा कि जब तक वाणिज्यिक लेन-देन नजर रखे जाने वाली व्यवस्था में नहीं आते, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कमतर आकलन होगा। उन्होंने कहा कि यदि सभी लेन-देन इस रूप से हो, जिससे वे नजर में आए, आपका जीडीपी भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत के अनुरूप हो सकता है। उन्होंने कहा कि कर पेशेवर बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे करदाताओं को शिक्षित करते हैं, उन्हें परामर्श देते हैं, कर देनदारी से निपटने के बेहतर उपायों के बारे में बताते हैं तथा उन्हें योजना बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कराधान को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा सरकार ने नागरिकों पर कर अनुपालन तथा कर भुगतान, दोनों मामलों में बोझ को कम किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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