नई दिल्ली। गाजा युद्धविराम (Gaza ceasefire) पर एक बार फिर लंबा और अनिश्चितकालीन ब्रेक लग गया है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास आतंकियों पर सीजफायर वार्ता तोड़ने का आरोप लगाते हुए गाजा को अंजाम भुगतने की धमकी दी। नेतन्याहू के आदेश पर इजरायली सेना गाजा पर जबरदस्त कहर बरपा रही है। नेतन्याहू ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक हमास हमारी मांगे नहीं मान लेता, गाजा पर हमला जारी रहेगा। गाजा पर हमलों का आलम यह है कि गुड फ्राइडे से पिछले दो दिनों में इजरायली हमलों से कम से कम 92 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में 219 से अधिक लोग घायल हुए हैं और दर्जनों अब भी मलबे के नीचे या दुर्गम इलाकों में फंसे हैं। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, खान यूनिस में रातभर चले हवाई हमले में कम से कम 15 बच्चों की मौत हुई। सभी बच्चे टेंटों में सो रहे थे। वहीं राफा में एक अलग हमले में एक मां, उसकी बेटी और दो अन्य की जान चली गई। शवों को यूरोपियन अस्पताल में लाया गया।
हमले के बावजूद अपनी जिद पर अड़ा हमास
उधर, हमास ने इज़रायल के अस्थायी युद्धविराम प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। हमास का कहना है कि वह स्थायी संघर्षविराम और कैदियों की रिहाई के बदले में समग्र समझौता चाहता है, न कि केवल अस्थायी राहत। इजरायली हमलों के बावजूद हमास अपनी जिद छोड़ने को तैयार नहीं है।
उधर, हमास के इस इनकार के बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि “जब तक हमास हमारे प्रस्तावों को नहीं मानता, युद्ध बंद नहीं होगा। गाजा में सैन्य कार्रवाई पूरी ताकत से जारी रहेगी।” उनका यह बयान इजरायल की ओर से गाजा में बड़े ‘सुरक्षा ज़ोन’ कब्जाने और 18 महीने लंबे युद्ध को और तेज़ करने की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
गाजा में अब कोई सुरक्षित नहीं
स्थानीय लोगों के हवाले से अलजजीरा ने बताया, “गाजा में कोई भी अब खुद को सुरक्षित नहीं मानता, न अपने घरों में, न टेंटों में, न ही कैंपों में। हर रात लोगों के लिए मौत और भय का वक्त बन चुकी है।” गौरतलब है कि 18 मार्च को युद्धविराम खत्म होने के बाद इजरायल ने गाजा में खाद्य, ईंधन और राहत सामग्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
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